= पेयजल आपूर्ति सुचारू न होने पर ग्रामीणों का चढ़ा पारा
= जल संस्थान पर लगाया गांव की उपेक्षा का आरोप

(((सुनील मेहरा/विरेंद्र बिष्ट/फिरोज अहमद की रिपोर्ट))) – तीखी नज़र

पेयजल किल्लत से परेशान आखिरकार ग्रामीणो का सब्र जवाब दे गया। जल संस्थान के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। बाद में पुतला आग के हवाले किया गया।
रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे टूनाकोट गांव में बीते दस दिनों से भी अधिक समय से पेयजल आपूर्ति चरमरा गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार विभागीय अधिकारियों को सूचना दिए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। महज आश्वासन दिए जा रहे हैं। आलम यह है कि ग्रामीण कुंजगढ नदी से पानी ढोकर घर तक पहुंचा रहे हैं बाद में पानी को छानकर पीने योग्य बनाया जा रहा है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी सुध लेने को तैयार ही नहीं। महज जल्द आपूर्ति सुचारू करने का भरोसा दिलाया जा रहा है पर आपूर्ति सुचारू नहीं की जा रही। सोमवार को ग्रामीणों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। ग्रामीणों ने जल संस्थान के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। विभाग पर गांव की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। बाद में पुतला आग के हवाले किया गया। दो टूक कहा कि जल आपूर्ति सुचारू नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इस दौरान सुनील मेहरा, गोविंद सिंह, दीवान सिंह, पान सिंह, कमल सिंह, डूंगर सिंह, झूंगर सिंह, हरवंश सिंह, विजय राम आदि मौजूद रहे।