🔳दूर दराज के गांवों से बाबा भक्त पहुंचते हैं कैंची धाम
🔳आम हो या खास हर कोई बाबा के दर पर शिश झुकाने को रहता है बैचेन
🔳परिवार के प्रत्येक सदस्यों को लेकर बाबा के धाम पहुंचते हैं सूदूर गांवों के बाशिंदे
🔳घरों में भी मालपुए तैयार कर लगाते हैं बाबा को भोग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में कल यानी शनिवार को आस्था का सैलाब उमड़ेगा। कोसी घाटी से भी हजारों लोग बाबा के दर पर पहुंचेंगे। खास बात यह है की प्रतिवर्ष 15 जून को स्थापना दिवस पर कोसी घाटी में भी उत्सव जैसा माहौल होता है। आम से लेकर खास तक हर कोई बस अपने आराध्य बाबा नीम करौरी के दर पर पहुंचने को बैचेन रहता है। सुबह से शाम तक सूदूर गांवों से लोग सपरिवार कैंची धाम पहुंचते हैं। कई लोग घरों में मालपुए तैयार कर बाबा को भोग लगाते हैं।

कल यानि शनिवार को बाबा नीम करौरी के दर पर मत्था टेकने को लाखों बाबा भक्त कैंची धाम पहुंचेंगे। कोसी घाटी से भी हजारों ग्रामीण परिवार के साथ बाबा के दरबार में पहुंचते हैं। प्रतिवर्ष 15 जून को कोसी घाटी के गांवों व बाजार के लोग घरों व दुकानों की साफ सफाई कर सुबह से ही धाम पहुंचने लगते हैं। हमेशा ही उत्सव जैसा माहौल बन जाता है। छोटे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी कैंची धाम पहुंचकर बाबा के दर पर शीश झुकाते हैं। बाबा के धाम में महाप्रसाद के तौर पर बांटा जाने वाले मालपुए भी लोग अपने घरों में तैयार कर बाबा को भोग लगाते हैं। आस पड़ोस में भी मालपुए वितरित किए जाते हैं। किसी कारणवश यदि परिवार का कोई सदस्य कैंची धाम नहीं पहुंच पाता तो उसके लिए मालपुए का महाप्रसाद घर लाया जाता है। शुक्रवार शाम से ही लोग कैंची धाम जाने की तैयारियों में जुट गए हैं। कुछ लोग बकायदा मध्य रात्रि ही कैंची पहुंचकर मुख्य गेट पर हनुमान चालीसा का पाठ भी करेंगे। सुबह साढ़े पांच बजे मंदिर में प्रवेश कर बाबा के दर पर शीश झुकाऐगे।