🔳पेयजल संकट गहराने से दिन रात पानी ढोने को मजबूर
🔳पेयजल योजना से भी नहीं टपक रही पानी की बूंद
🔳रोजाना एक तो कभी तीन किमी की दूरी कर रहे तय
🔳गांव की लगातार उपेक्षा किए जाने पर मातृशक्ति नाराज
🔳पेयजल टैंकर के माध्यम आपूर्ति किए जाने की उठाई मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित गांवो में पेयजल संकट गहराने से अब ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोत पर जगराता कर पानी जुटा रहे हैं। खैरना – रानीखेत स्टेट हाइवे से सटे खुशालकोट गांव ग्रामीण रात भर बूंद बूंद पानी को जद्दोजहद कर रहे हैं। दिन और रात प्राकृतिक जल स्रोत में पानी को गांव के बाशिंदों का तांता लग रहा है। महिलाओं ने टैंकर के जरिए पेयजल आपूर्ति की मांग उठाई है।
भीषण गर्मी से तप रहे पहाड़ में पेयजल संकट गहराने से तमाम गांवों में हाहाकार मच गया है। स्टेट हाइवे से सटे ताड़ीखेत ब्लॉक के खुशालकोट गांव में हालत विकट हो चुके हैं। गांव के करीब 45 परिवारों को शेर विद्यापीठ पंपिंग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर पिछले लंबे समय से नलों से पानी की बूंद तक नहीं टपकी है। जल जीवन मिशन योजना से भी अब तक गांव नहीं जुड़ सका है ऐसे में गांव के बाशिंदे दिन रात गांव से करीब एक किमी दूर पौराणिक नौले से पानी ढोने को मजबूर हैं। दिन में भीड़ होने पर कई परिवार देर रात तक नौले से पानी ढो रहे हैं। यह सिलसिला रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक चलता है। नौले से भी अब समुचित पानी न मिलने से ग्रामीण तीन किमी की दूरी भी पैदल तय कर रहे हैं। गांव की तुलसी देवी, शांति देवी, जानकी देवी के अनुसार पेयजल योजना का बिल भुगतान के बावजूद पानी उपलब्ध नहीं हो रहा। ऐसे में दिन और रात नौले से ही पानी ढोना पड़ रहा है। लगातार बढ़ रहे संकट से ग्रामीण परेशान हो चुके हैं। आरोप लगाया की कई बार पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग भी उठाई जा चुकी है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। हंसी देवी, विष्णा देवी, विमला, मनीषा, मुन्नी देवी ने गांव की उपेक्षा किए जाने पर रोष जताया है। गांव के लिए पेयजल टैंकर उपलब्ध कराने की पुरजोर मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि अनदेखी की गई तो फिर गांव के बाशिंदे आंदोलन को विवश हो जाएंगे।