🔳पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों में हालात विकट
🔳बवास गांव के बीस से ज्यादा परिवार बूंद बूंद पानी को मोहताज
🔳जल जीवन मिशन योजना से भी गांव कोसों दूर
🔳ग्रामीणों ने लगाया गांव की अनदेखी किए जाने का आरोप
🔳पेयजल व्यवस्था को ठोस उपाय न किए जाने पर आंदोलन का ऐलान
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट व कोटाबाग ब्लॉक की सीमा पर स्थित बवास गांव में पेयजल संकट से हाहाकार मचा हुआ है। गांव के बाशिंदे दूर दराज से पानी ढोने को मजबूर हो चुके हैं। अनदेखी से मायूस होकर अब ग्रामीण नहर में प्लास्टिक की पन्नी बिछाकर गांव तक पानी पहुंचा रहे हैं।
गांवों में पेयजल संकट सिर चढ़कर बोल रहा है। रोजगार व अन्य कारणों से गांव से दूर रहने वाले लोग इन दिनों गर्मियों की छुट्टियों में गांव लौटे हैं पर पेयजल संकट देख बाहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी परेशान हैं। ऐसे में दूर दराज से पानी ढोना मजबूरी बन चुका है। बेतालघाट व कोटाबाग ब्लॉक के सीमा पर बसे बवास गांव में हालात और ज्यादा विकट हो चुके हैं। गांव के करीब बीस से ज्यादा परिवार बूंद बूंद पानी को मोहताज हो चुके हैं। कई बार गांव के बाशिंदे पेयजल व्यवस्था की मांग उठा चुके हैं बावजूद जिम्मेदार सुध नहीं ले रहे ऐसे में ग्रामीण दूरदराज से पानी ढोने को मजबूर हैं। भीषण गर्मी के बीच महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे सिर पर पानी के बर्तन रख घरों तक पहुंचा रहे हैं। गांव के बाशिंदों ने पेयजल संकट को दूर करने के लिए बदहाल पड़ी सिंचाई नहर में प्लास्टिक की पन्नी बिछाकर गांव तक पानी पहुंचाने की कोशिश की है जिससे कुछ हद तक ग्रामीणों को राहत मिल रही है। पर अफसरों की अनदेखी से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है‌ आरोप लगाया की गांव को जल जीवन मिशन से भी नहीं जोड़ा जा सका है। स्थानीय जगत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, देव सिंह आदि ने गांव की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। चेताया है की यदि जल्द गांव में पेयजल व्यवस्था को ठोस कदम नहीं उठाए गए तो ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलन को विवश हो जाएंगे।