= दूधमुंहे को लेने बाल कल्याण समिति हल्द्वानी पहुंची महिला
= मां होने का किया दावा
= तीन सदस्यीय समिति ने की पूछताछ, जांचे अभिलेख फिर सौंप दिया गया बच्चा

(((नीरजा साह की रिपोर्ट)))

आखिरकार 48 घंटे बाद अबोध लक्ष्म को मां का आंचल मिल ही गया। खुद को बच्चे की मां बताने का दावा करने वाली महिला बुधवार को बाल कल्याण समिति हल्द्वानी पहुंची। तीन सदस्यीय समिति ने जांच पड़ताल, अभिलेख जांचने के बाद बच्चे को मां को सौंप दिया। मामले में नाटकीय मोड़ आने के बाद मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल बीते सोमवार को अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे स्थित सालडी़ देवी मंदिर में परिक्रमा करने के दौरान एक महिला को बच्चा मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया। पुलिस टीम मौके पर पहुंची सुरक्षित ढंग से बच्चे को कब्जे में लेने के बाद सीएचसी भवाली में स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद उसे डा. सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया। जहां से दोबारा स्वास्थ्य परीक्षण के बाद नौनिहाल को (बाल कल्याण समिति) सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया। बुधवार को बेतालघाट ब्लॉक की एक महिला ने बच्चे का नाम लक्ष्य बता खुद को उसकी मां होने का दावा किया। पुलिस चौकी व तहसील में जाने के बाद सीडब्ल्यूसी के हल्द्वानी स्थित कार्यालय पहुंची। जहां बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नीरज चिलकोटी सहित तीन सदस्ययी कमेटी ने करीब पांच घंटे तक महिला से पूछताछ की। अभिलेख जांचे गए। महिला ने खुद को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी बताया। बाल कल्याण समिति ने पुष्टि होने के बाद बच्चे को महिला को सौंप दिया।

महिला बोली जिसने किया बच्चा मिलने का दावा वह उसकी बड़ी बहन

सीडब्ल्यूसी के हल्द्वानी स्थित कार्यालय पहुंची महिला ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यो के सामने मामले की शुरुआत से हकीकत बयां की। समिति के अनुसार महिला ने बताया कि वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी है। उसका पति गुड़गांव (दिल्ली) में नौकरी करता है। मंदिर में जिस महिला को बच्चा मिला वह उसकी ही बहन है वह बच्चे को कुछ देर देखने के लिए छोड़ गई थी पर मामला एकाएक उलझ गया। मंदिर में पूजा करने वाली महिला ने परिक्रमा के दौरान बच्चा मिलने की बात कह दी जिससे सूचना पुलिस, ग्राम प्रधान व क्षेत्रवासियों तक पहुंची। बच्चे को सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द किया गया।

तमाम सवाल जस के तस

हालांकि अबोध बालक को उसकी मां का आंचल मिल गया पर अभी भी तमाम सवाल जवाब के इंतजार में है। बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरकार पूजा करने वाली महिला ने परिक्रमा के दौरान बच्चा मिलने की बात क्यों कही। बच्चे को छोड़कर जाने वाली उसकी मां लौट कर मंदिर में क्यों नहीं पहुंची। तमाम सवाल अभी भी जस के तस हैं।

बेतालघाट ब्लॉक के एक गांव से अनीता नाम की महिला ने बच्चे की मां होने का दावा किया। उससे अभिलेख व अन्य आवश्यक चीजें मांगी गई।करीब पांच घंटे पूछताछ करने के बाद बच्चे को उसे सौंप दिया गया। बच्चा स्वस्थ है। महिला ने बताया कि जिसने परिक्रमा के दौरान बच्चा मिलने का दावा किया वह उसकी बड़ी बहन है।

  • नीरज चिलकोटी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, हल्द्वानी।

एक महिला ने बच्चे की मां होने का दावा किया जिसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष भेजा गया। सीडब्ल्यूसी से ही निर्णय होना है। फिलहाल जांच जारी रहेगी।

  • आशा बिष्ट, चौकी प्रभारी, खैरना।