= उपेक्षा से आहत आशा कार्यकर्ताओं का चढ़ा पारा
= धरना प्रदर्शन के बाद अब कार्य बहिष्कार पर डटी

(((मनीष कर्नाटक/राहुल शर्मा की रिपोर्ट)))

उपेक्षा से आहत आशा कार्यकर्ताओं का पारा सातवें आसमान पर है। बारह सूत्रीय मांगों की अनदेखी पर बीते तीन दिनों से आशा कार्यकर्ता कार्य बहिष्कार पर है। बावजूद सरकार सुध नहीं ले रही। ऐसे में आशाओं का पारा चढ़ते ही जा रहा है।
लगातार तहसील व ब्लाक मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन के बाद आशा कार्यकर्ता कार्य बहिष्कार पर डट गई है। बुधवार को सुयालबाडी़ से गरमपानी तक आशा कार्यकर्ताओं ने हुंकार भरी। सुयालबाडी़ में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। दो टूक कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। मौके पर अध्यक्ष दीपा सुयाल, तुलसी नेगी, दया लटवाल, सीमा देवी, चंद्रा देवी, कमला देवी आदि रहे। इधर सीएचसी गरमपानी में संगठन की अध्यक्ष नीमा भट्ट के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर रोष जताया। कहा कि सरकार उपेक्षा पर आमादा है। तमाम जिम्मेदारियां दी जा रही है पर मानदेय के नाम पर कोई सुध नहीं ली गई है। महज सामाजिक कार्यकर्ता का नाम का सम्मान देकर इतिश्री कर ली जा रही है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान हेमा देवी, रामा देवी, भगवती जंतवाल, मीना आर्या, आशा बिष्ट, प्रेमा, कुंती मेहरा, माया जलाल आदि मौजूद रहे।