= बच्चे को छोड़कर आखिर कहां चले गई पत्थर दिल मां
= आसमान खा गया या जमीन निगल गई
= सालडी़ देवी मंदिर में दूधमुंहे बच्चे को छोड़ने का मामला

(((नीरजा साह की रिपोर्ट)))

घंटो बीत गए पर पत्थर दिल मां का दिल नहीं पसीजा। घंटो बीतने के बावजूद उसने अपने लाडले की सुध नहीं ली। आखिर वह मां कहां चले गई। उसे आसमान निगल गया या जमीन खा गई। ऐसा क्या हो गया कि अपने जिगर के टुकड़े को ही उसने अपने से दूर कर दिया। अबोध को पूरी देखरेख के साथ फिलहाल डा. सुशीला तिवारी अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती किया गया।

सोमवार दोपहर को रामगढ़ क्षेत्र में स्थित सालड़ी देवी मंदिर में एक निर्मोही अपने डेढ़ माह के शिशु को रोता बिलखता छोड़कर गायब हो गई। खाकी ने मौके पर पहुंच अबोध को मां की ममता दी। चौकी इंचार्ज आशा बिष्ट, हेड कास्टेबल आनंदी टम्टा व पुलिसकर्मियों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ नौनिहाल को भवाली स्थित सीएससी में स्वास्थ्य परीक्षण करवाया उसके बाद नौनिहाल को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कर दिया गया पर बच्चे को छोड़ने वाली निर्मोही पत्थर दिल मां का दिल अब तक नहीं पसीजा। घंटो बीत जाने के बावजूद बच्चे की सुध नहीं ली। हैरत की बात है कि ना तो मां और ना ही कोई परिजन अब तक सामने आया है। हांलाकि पुलिस खोजबीन में जुटी हुई है।

दूसरे राज्य से तो नहीं लाया गया लाडला

डेढ़ माह का लाडला अपने साथ बड़े बड़े सवाल लेकर आया है। हालांकि वह अभी सुरक्षित हाथों में है पर तमाम गहरे सवाल अब भी खड़े हैं। आखिरकार दूधमुंहे को छोड़ने वाली पत्थर दिल मां कुछ ही मिनटों बाद कहां गायब हो गई। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर इतनी भीड़ भाड़ नहीं कि बच्चे को छोड़ने वाली महिला का पता न लग सके। पुलिसकर्मी भी सूचना पाते ही मौके पर पहुंच गए हैं पर महिला आखिरकार गई तो गई कहां यह बड़ा सवाल है। चर्चा यह भी है कि महिलाअपने साथ बाहरी राज्य से बच्चे को लाई है। हो हल्ला होने तथा तेजी से मामला वायरल होने के बाद भी आखिरकार मां तो छोड़िए बच्चे का कोई भी परिजन उसे लेने नहीं पहुंचा। इससे साफ होता है कि कहीं ना कहीं बच्चे को दूसरे राज्य से यहां लाया गया है।