🔳वर्तमान दर से मुआवजा वितरित करने पर दिया जोर
🔳सड़क निर्माण के चार वर्ष बाद भी अब तक नहीं मिल सका है मुआवजा
🔳कृषि भूमि पर मलबा डाले जाने से शेष बची खेती भी चौपट करने का आरोप
🔳पीएमजीसवाई विभाग के अधिशासी अभियंता को भेजा ज्ञापन
🔳 अनदेखी कतई बर्दाश्त न करने का ऐलान
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

चार वर्ष पूर्व अस्तित्व में आए क्वारब – दियारी मोटर मार्ग का मुआवजा पुराने रेटों पर दिए जाने की सुगबुगाहट से किसानों का पारा चढ़ गया है। किसानों ने पीएमजीएसवाई विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र भेज वर्तमान कीमतों की दर से लंबित मुआवजा वितरित किए जाने की मांग उठाई है। साथ ही खेतों में डाले गए मलबे के निस्तारण पर भी जोर दिया है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि अनसुनी की गई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर स्थित रामगढ़ ब्लॉक के गांवों को जोड़ने को वर्ष 2020 में क्वारब – दियारी मोटर मार्ग का निर्माण किया गया। मोटर मार्ग निर्माण में तमाम काश्तकारों की जमीन भी जद में आ गई। पीएमजीएसवाई विभाग ने किसानों को मुआवजा वितरण के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरु की। किसानों के अनुसार अब चार वर्ष बाद जब मुआवजा मिलने की उम्मीद जगी है तो उसमें भी चार वर्ष पुरानी कीमतों पर मुआवजा बांटे जाने की चर्चा सामने आई है‌। किसानों ने इसे हितों से खिलवाड़ करार दिया है। वर्तमान दर से मुआवजा वितरित किए जाने पर जोर दे संबंधित विभाग के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन भेजा है। आरोप लगाया है की शेष बची कृषि भूमि पर भी रोड कटिंग का मलबा डाल दिया गया है जिससे खेतीबाड़ी भी चौपट हो चुकी है। किसानों ने समस्याओं के समाधान की पुरजोर मांग उठाई है।चेतावनी दी है कि यदि हितों से खिलवाड़ हुआ तो आंदोलन की राजनीति तैयार की जाएगी। ज्ञापन में गोपाल सिंह, तारा सिंह बिष्ट, पूरन सिंह, हरि सिंह, त्रिलोक सिंह, माधव सिंह, प्रताप सिंह, रविंदर सिंह, डूंगर सिंह, पुष्पा देवी, मालती देवी, हेमा देवी, हंसी देवी, हीरा देवी आदि के हस्ताक्षर हैं।