= सुरक्षात्मक कार्यों में उड़ रही मानको की धज्जियां
= ज्योलिकोट से खैरना तक किए जाने हैं सुरक्षात्मक कार्य
((( विरेन्द्र बिष्ट/ हेमंत साह/महेन्द्र कनवाल की रिपोर्ट)))
सरकार सड़क मरम्मत व सुरक्षात्मक कार्यों के लिए धनराशि तो अवमुक्त कर रही है पर धरातल पर खुलकर बजट का दुरुपयोग किया जा रहा है। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर लाखो की लागत से सुरक्षात्मक कार्यों में खुलेआम गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हालांकि विभाग ने गुणवत्ता विहीन सुरक्षात्मक कार्यों को बर्दाश्त ना करने वह जल्द ध्वस्त करने का दावा किया है।
हाईवे पर खैरना से भवाली तक जगह-जगह सुरक्षात्मक कार्य बदहाल हालत में है। करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए क्रश बैरियर झाड़ियों में जंग खा रहे हैं तो वही पैराफिट भी ध्वस्त हो चुके हैं। सुरक्षित यातायात को सड़क व भूतल मंत्रालय ने सुरक्षात्मक कार्यों के लिए ज्योलीकोट से खैरना तक 96 लाख रूपये की स्वीकृति दे दी। बजट मिलने के बाद टेंडर आमंत्रित कर कार्य शुरू करा दिए गए। अभी कार्य शुरू ही हुए थे कि गुणवत्ता की खुलेआम धज्जियां उड़ा दी गई हैं। रातीघाट के समीप पैराफिट निर्माण में नियमों को ताक पर रख पत्थर भर पैराफिट निर्माण किया जा रहा है जो मानकों के उलट है। क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया है कि मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। गुणवत्ता विहीन पैराफिट बना कर इतिश्री की जा रही है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों रुपये की धनराशि खर्च कर सुरक्षात्मक कार्य किए जाते हैं पर गुणवत्ताविहीन कार्यों के चलते कुछ ही समय बाद दम तोड़ देते हैं। ऐसे में विभागीय कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।लोगों ने गुणवत्ता युक्त कराए जाने की मांग उठाई है। चेताया है कि यदि मनमानी की गई तो हाईवे पर उतर मोर्चा खोल दिया जाएगा। इधर संबंधित विभाग के सहायक अभियंता एमसी जोशी ने मामले को गंभीर बताया। कहा कि गुणवत्ता विहीन कार्य तोड़ दिए जाएंगे। गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।