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= आसपास के सैकड़ों गांवों के हजारों लोग हैं अस्पताल पर निर्भर
= बाल रोग विशेषज्ञ ना होने से लोगों को करना पड़ता है दूरदराज रुख
= सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तमाम गांवों के हजारों लोग है निर्भर

(((शेखर दानी/कुबेर जीना/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))

व्यवस्थाओं की कमी से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ही नहीं मिल पा रहा। वर्षों से अस्पताल एक अदद बाल रोग विशेषज्ञ के लिए तरस रहे है बावजूद तैनाती नहीं की जा रही।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतालघाट व सुयालबाडी़ पर सैकड़ों गांवों के लोग निर्भर हैं। बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाने के लिए लोग अस्पताल पहुंचते हैं पर विशेषज्ञ चिकित्सक ना होने से लोगों को मायूसी हाथ लगती है। ऐसे में काशीपुर, रामनगर, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, रानीखेत,नैनीताल जाना मजबूरी बन चुका है। जिसमें काफी समय वह पैसे की बर्बादी होती है। बेहतर सुविधा का लाभ न मिल पाने से लोगों में गहरा रोष भी व्याप्त है। कई बार आवाज उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती नहीं हो पा रही है जिससे लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए दूरदराज भटकने को मजबूर है। तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है ऐसे में बाल रोग विशेषज्ञ के ना होने से लोग परेशान हैं। दोनो अस्पताल में समय रहते बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है। चेताया है कि यदि विशेषज्ञ तैनात ना हुआ तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।