🔳कई घरों तक नहीं पहुंचे कनेक्शन, जगह जगह कार्य अधूरा
🔳23 लाख रुपये से भी अधिक की भारी भरकम लागत से तैयार होनी थी योजना
🔳योजना का कार्य अधूरा छोड़े जाने से गांवों के बाशिंदे आक्रोशित
🔳 बेतालघाट ब्लॉक के धारी गांव का मामला
🔳अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवाल
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में जल जीवन मिशन में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है। समीपवर्ती गांव में योजना का कार्य अधूरा होने के बावजूद कार्य पूरा किए जाने का बोर्ड स्थापित कर दिया गया। हकीकत यह है की अधिकांश परिवारो के घर तक कनेक्शन ही नहीं हो सके हैं वहीं तमाम स्थानों पर लाइन का कार्य भी अधूरा छोड़ दिया गया है। योजना के नाम पर गांव के लोगों को ठगने का आरोप लगा ग्रामीणों ने गहरा रोष जताया है‌ मामले की जांच की मांग उठाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली जल जीवन मिशन योजना का बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में दम निकल गया है। विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली योजना पर भारी पड़ रही है। योजना की आड़ में बजट ठिकाने लगाया जा रहा है पर गांव के बाशिंदों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा। बेतालघाट ब्लॉक के उल्गौर क्षेत्र में बनी जल जीवन मिशन योजना बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रही है। योजना का कार्य पूरा करने का बोर्ड तो स्थापित कर दिया गया है पर धरातल में आज भी योजना के कार्य अधूरे पड़े हैं। समीपवर्ती धारी गांव में तो अधिकांश परिवार कनेक्शन का ही इंतजार करते करते थक चुके हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार लगभग पांच महीने पहले से काम भी बंद हो चुका है। जीआइसी लोहाली के समीप बोर्ड भी स्थापित कर दिया गया है पर आज तक जगह जगह काम अधूरा पड़ा है। स्थानीय पंकज भट्ट, संजय सिंह, गोविन्द सिंह, बालम सिंह, पंकज रावत, प्रेम सिंह, महेंद्र सिंह, उमेश आदि ने योजना की जांच करने तथा योजना का कार्य पूरा करवाए जाने की मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

बोर्ड में दर्शाया बीते अगस्त में कार्य हुआ पूरा

महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के तहत दो वर्ष पूर्व उल्गौर पेयजल योजना को स्वीकृति मिली। योजना से उल्गौर ग्राम पंचायत के साथ ही धारी तथा आटलरीठा गांव को भी लाभान्वित किया जाना था। योजना स्वीकृत होने से गांवो में पानी का संकट खत्म होने की उम्मीद जगी। फ़रवरी 2023 में कार्य का श्रीगणेश किया गया तथा वर्ष 2023 में ही अगस्त तक कार्य पूरा किए जाने का लक्ष्य भी रखा गया शुरु में कार्य ठिक हुआ पर धीरे धीरे स्थित बद से बद्तर होती चली गई। अब हालात यह हैं की पिछले पांच महीने से कार्य बंद है‌ और बोर्ड कार्य पूरा किए जाने का दावा कर रहा है।

अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवाल

धारी गांव के बाशिंदे योजना से लाभान्वित होने का सपना संजोए बैठे हैं पर योजना का कार्य पांच महीने से बंद है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है की विभागीय अनदेखी से योजना में लापरवाही बरती गई। यदि अधिकारी गंभीरता से योजना का निर्माण करवाते तो आज यह स्थिति सामने नहीं आती।