🔳हाइवे से सटे पनौरा गांव के बाशिंदों का चढ़ने लगा है पारा
🔳तीस लाख रुपये से अधिक खर्च होने के बावजूद नहीं हो सका तीन किमी सड़क निर्माण
🔳सब्जी उत्पादक गांव तक सड़क न होने गांव के बाशिंदे हो चुके परेशान
🔳लाखों खर्च होने के बावजूद आज तक गांव नहीं पहुंच सका एक भी वाहन
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में विशेष पहचान रखने वाले अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे खान ग्राम पंचायत के पनौरा तोक तक करीब पंद्रह बरस पूर्व सड़क निर्माण को लाखों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद आज तक सड़क के अस्तित्व में न आने पर अब ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। जल्द सड़क निर्माण न होने पर अब ग्राम प्रधान व क्षेत्रवासियों ने आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। साफ कहा है की लगातार गांव की अनदेखी की जा रही है जिसे अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
हाइवे से सटे पनौरा गांव के बाशिंदे का सपना आज तक साकार नहीं हो सका है। लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व तत्कालीन कांग्रेस सरकार में लोनिवि मंत्री रही स्व. इंद्रा हृदेश ने फूलगोभी, पत्तागोभी, आलू, मटर आदि की बंपर पैदावार के लिए विख्यात पनौरा गांव के किसानों को लाभान्वित करने को सड़क निर्माण के लिए लगभग तीस लाख रुपये से अधिक का बजट उपलब्ध कराया। काकड़ीघाट – द्वारसों मोटर मार्ग से सड़क निर्माण की कवायद भी शुरु की गई पर अफसरों की कार्यप्रणाली से महज डेढ़ किमी सड़क निर्माण के बाद बजट खत्म हो गया जबकि मोटर मार्ग निर्माण के लिए सर्वे तीन किमी को हुआ था। कास्तकारों के अनुसार डेढ़ किमी सड़क का निर्माण भी ग़लत ढंग से कर दिया गया जिसका लाभ आज तक किसानों को नहीं मिल सका है। फिर निर्माण के नाम पर दस लाख रुपये से अधिक का बजट खर्च किया गया। ग्राम प्रधान विमला जलाल के अनुसार सर्वे के अनुसार सड़क निर्माण किया गया होता तो शायद सड़क गांव तक पहुंचती पर अधिकारियों के रवैए से आज तक किसान सड़क सुविधा से वंचित हैं। किसान उपज को हाइवे तक ढोने में श्रमिकों का इस्तेमाल करते हैं जिससे किसानों को होने वाला मुनाफा श्रमिकों को भुगतना करने में ही चला जाता है। ऐसे में अब कास्तकारों का खेतीबाड़ी से भी मोहभंग होता जा रहा है। ग्राम प्रधान विमला ने आरोप लगाया की लाखों रुपये के बजट से बनाई गई डेढ़ किमी सड़क भी बद से बद्तर हालत में है पंद्रह वर्ष के अंतराल में एक भी वाहन उस सड़क पर आवाजाही नहीं कर सका है। लगातार सड़क निर्माण की मांग उठाए जाने के बावजूद जिम्मेदार सुध नही ले रहे लगातार किसानों की उपेक्षा की जा रही है। दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द सड़क निर्माण न किया गया तो लोकसभा समेत आगामी चुनावों का बहिष्कार कर दिया जाएगा।