= दो माह से ध्वस्त सिंचाई नहर की नहीं ली जा रही सुध
= काश्तकारों ने जताया रोष लगाया उपेक्षा का आरोप
= जल्द सुधार न होने पर आंदोलन का ऐलान
(((सुनील मेहरा/पंकज नेगी/शेखर दानी की रिपोर्ट)))
किसानों की आय दोगुनी करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कुंजगढ़ घाटी में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनाई गई नहर ध्वस्त हो चुकी है। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी करने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं।
कुंजगढ़ नदी से तिपौला तथा सुखोली गांव के काश्तकारों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनाई गई नहर गुणवत्ता के अभाव में ध्वस्त हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि करीब डेढ़ महीने से भी अधिक समय से नहर का दो सौ मीटर से ज्यादा हिस्सा ध्वस्त पड़ा है पर जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं। आरोप है कि नहर की बुनियाद की कमजोर है जिससे आए दिन नहर क्षतिग्रस्त होते जा रही है। नहर की क्षतिग्रस्त होने से पहले ही धान की खेती प्रभावित हो चुकी है। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा पड़ रहा है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रहे हैं पर ऐसे में आए कैसे दुगनी होगी यह बड़ा सवाल है। स्थानीय आनंद सिंह, देव सिंह,सुनील मेहरा, कुबेर सिंह, राम लाल, श्याम लाल, बची राम, राजू मेहरा, प्रेम राम, प्रताप सिंह आदि ग्रामीणों ने तत्काल नहर निर्माण किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द नहर दुरुस्त नहीं की गई संबंधित विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जाएगा