🔳आपदा से ध्वस्त पांच सौ मीटर हिस्सा कर रहा अनदेखी बयां
🔳जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं यात्री
🔳चार वर्ष से ध्वस्त है स्टेट हाइवे का एक हिस्सा
🔳अन्य स्थानों की मरम्मत को भी बजट फाइलों में अटका
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
सामरिक व पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे पिछले चार वर्ष पूर्व आई आपदा की मार से आज तक बेजार है। हालत यह है की लोनिवि विभाग को मरम्मत तो दूर डिजाइनिंग के लिए कंसल्टेंसी कंपनी
के लिए महज 9.44 लाख रुपये तक बजट नहीं मिल पा रहा। महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे की अनदेखी का खामियाजा आवाजाही करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। जान जोखिम में डाल आवाजाही करना मजबूरी बन चुका है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत समेत तमाम महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाला रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर ही बदहाल हालत में है। चार वर्ष पूर्व आपदा से खैरना से कुछ कदम दूर स्टेट हाइवे का पांच सौ मीटर हिस्सा भू-धंसाव की जद में आकर नेस्तनाबूत हो गया। कड़ी मशक्कत के बाद बामुश्किल वन वे आवाजाही सुचारु करवाईं गई। चार वर्ष बीतने के बावजूद आज भी वन वे आवाजाही ही सुचारु है। लोग कई बार मरम्मत की मांग उठा चुके है बावजूद सुध नहीं ली जा रही जबकि पर्यटक व सेना के वाहन इसी महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे से आवाजाही करते हैं। विभागीय अधिकारियों की मानें तो भू-धंसाव वाले क्षेत्र के लिए बजट न मिलने से कार्य शुरु नहीं हो पा रहा है। डिज़ायनिंग के लिए कंसल्टेंसी कंपनी के 9.44 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है पर स्वीकृती न मिलने से मामला अधर में लटका है। लगातार हो रही अनदेखी से क्षेत्रवासियों का पारा भी सांतवे आसमान पर है। व्यापारी नेता गजेंद्र सिंह नेगी, कुलदीप खनायत, मदन सिंह, आंनद सिंह, विरेन्द्र सिंह, फिरोज अहमद, राकेश जलाल, मनोज नैनवाल, हीरा सिंह, गोविन्द सिंह, दीवान सिंह ने महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे की अनदेखी किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। लोनिवि के अवर अभियंता हरि मोहन जोशी के अनुसार कंसल्टेंसी कंपनी के लिए बजट मिलने के बाद डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई की जाएगी।