= अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे तमाम गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित
= कई बार आवाज उठाने के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
= हाईवे पर नारेबाजी कर निकाला गुबार
(((कुबेर सिंह जीना/महेंद्र कनवाल/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे गांवो में सड़क सुविधा ना होने से अब ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया है। ग्रामीणों ने नारेबाजी कर गुबार निकाला। आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। साफ कहा कि जब तक रोड नहीं तब तक वोट नहीं।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से भंवरू, जनता, वलनी, जाख समेत तमाम गांवों के लोग आज भी सड़क सुविधा के इंतजार में है। कई बार मांग उठाए जाने के बावजूद अनसुनी कर दी जा रही है जबकि ईडा़ जौरासी मार्ग से सात किमी रोड को स्वीकृति भी मिल चुकी है पर एक वर्ष बीतने के बावजूद आज तक रोड निर्माण शुरू नहीं हो सका है। करीब दो सौ से ज्यादा परिवार सड़क सुविधा के इंतजार में हैं। आलम यह है कि गर्भवती महिलाओं व मरीजों को तीन किलोमीटर नीचे हाइवे तक डोली व कंधे पर रख पहुंचाया जाता है। जहां से फिर वाहन के जरिए अस्पताल पहुंचाते हैं। हाइवे से सटे यह गांव फल व सब्जी उत्पादक बेल्ट है। किसान उपज को कंधे पर रोड तक पहुंचाते हैं तब उपज बड़ी मंडियों तक पहुंच पाती है। लगातार आवाज उठाए जाने के बावजूद पहल ना होने पर आखिरकार ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया। सोमवार को ग्रामीणों ने अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर नावली क्षेत्र में नारेबाजी कर रोष जताया। कहा कि जब तक गांव में सड़क निर्माण नहीं होता तब तक ग्रामीण वोट नहीं देंगे। शासन प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप भी लगाया। इस दौरान ग्राम प्रधान महेंद्र रावत, नैन सिंह करायत, पूरन सिंह बिष्ट, खीम सिंह, आनंद सिंह, भगवत सिंह, मनीष बिष्ट, राजेंद्र सिंह, भगवत सिंह, दलीप सिंह, चंदन सिंह, हीरा सिंह आदि मौजूद रहे।