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संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ा
लोगों ने उठाई कार्रवाई की मांग

गरमपानी : जीवनदायिनी उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी गंदगी से पटी पड़ी है। जिस कारण संक्रामक बीमारी का फैलने का खतरा भी बना हुआ है। कई लोगों ने नियम को ताक पर रख गंदगी के पाइप तक नदी किनारे छोड़े हुए जिससे गंदगी सीधे नदी में समा रही है।

केंद्र व राज्य सरकार नदियों को स्वच्छ, निर्मल तथा उनका अस्तित्व बचाने के लिए लाखो करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। समय-समय पर बड़े-बड़े अभियान भी चलाए जा रहे है। पर उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी की सुध लेवा कोई नहीं है। गरमपानी खैरना बाजार के ठीक पीछे बहने वाली शिप्रा नदी गंदगी से करहा रही है। करीब दो किमी लंबाई में जगह-जगह लोगों ने नियमों को ठेंगा दिखा घरों के गंदे पानी के पाइप नदी के किनारे छोड़ रखे हैं जिससे नदी लगातार प्रदूषित होती जा रही है। आगे जाकर शिप्रा नदी कोसी नदी में मिल जाती है। जिसमें कई पेयजल व सिंचाई योजनाएं संचालित है। तमाम गांवों के लोग मवेशियों के साथ ही खुद भी कोसी नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। लगातार गंदगी डाले जाने से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा दोगुना होता जा रहा है। पूर्व में प्रशासन ने लोगों को नदी में गंदगी न डालने की चेतावनी भी दी पर ढील मिलने के साथ ही लोग एक बार फिर शिप्रा नदी को प्रदूषित करने में तुले हुए है। क्षेत्रवासियों ने नदी क्षेत्र में गंदगी डालने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है।

सिंचाई नहर को भी नहीं छोड़ रहे

उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी ही नहीं बल्कि सिंचाई को बनी गरमपानी नहर भी गंदगी से लबालब है। नहर के शुरुआत में ही कई लोगों ने खुले पाइप सिंचाई नहर में छोड़ रखे हैं। जिससे गंदगी सीधे काश्तकारों के खेतों में समा रही है।कई लोगों ने सरकारी नहर पर कब्जा भी कर रखा है। काश्तकारों के हितों से खिलवाड़ कर सरकारी सिंचाई नहर पर कब्जा करना बड़े सवाल खड़ा कर रहा है। नहर को कब्जा मुक्त कराए जाने की मांग भी कई बार उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं कोसी नदी में भोर्या बैंड के समीप भी धड़ल्ले से गंदगी डाली जा रही है।