= राष्ट्रीय राजमार्ग समेत ग्रामीण सड़कों पर भी हो रही पत्थरों की बरसात
= जगह-जगह भूस्खलन भी बन रहा आफत
= खतरे वाले स्थानों पर संकेतांक तक नहीं
(((हेमंत साह/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
बरसात शुरू होने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग समेत ग्रामीण सड़कों पर आवाजाही मुसीबत बन चुकी है। जगह-जगह गिर रहे पत्थर व मलबा बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। लापरवाही का आलम यह है कि एक अदद संकेतांक भी खतरे वाले स्थानों पर नहीं लगाए गए हैं जिससे लोगों को खतरे वाले स्थानों का सटीक अंदाजा हो सके।
बरसात शुरू होने के साथ ही अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग, रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे समेत आसपास के गांवों को जोड़ने वाली ग्रामीण सड़कों पर आवाजाही में जोखिम बढ़ गया है। हर कदम पर खतरा मुंह उठाए खड़ा है। जगह-जगह गिर रहे पत्थर बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं। बारिश होने के साथ ही मोटर मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन व पत्थरों की भी बरसात हो रही है जिससे कभी भी बड़ा हादसा सामने आ सकता है। बावजूद जिम्मेदार कतई सुध नहीं ले रहे। खतरे वाले स्थानों पर संकेतांक तक नहीं लगाए गए हैं। जिससे आवाजाही कर रहे लोग अलर्ट हो सके। विभागों की लापरवाही पर लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। लोगों ने खतरे वाले स्थानों पर बोर्ड आदि लगाए जाने की मांग की है ताकि कुछ हद तक खतरा डाला जा सके।