= रामगढ़ ब्लॉक के नथुआखान में रोजमैरी की खेती करेंगे किसान
= किसानों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
(((पंकज भट्ट/हेमंत साह/राहुल शर्मा की रिपोट)))
कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन से किसानों की उपज खेतों में ही बर्बाद हुई। घाटे से किसान आज तक नहीं उभर पाए हैं। अब संगध पौधा केंद्र ने रोजमैरी के उत्पादन के जरिए किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना तैयार की है। रामगढ़ ब्लॉक के नथुवाखान में एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर रोजमैरी का उत्पादन किया जाएगा। किसानों को पौधे निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
लॉकडाउन के बाद किसानों की कमर ही टूट गई। बड़ी मंडियों के बंद हो जाने से काफी उपज खेतों में ही बर्बाद हो गई। अब किसानों को लाभ पहुंचाने के मकसद से सरकार विभिन्न योजनाएं तैयार कर रही है। इसी के तहत संगध पौधा केंद्र सेलाकुई (देहरादून) ने भी किसानों को लाभान्वित करने के लिए रामगढ़ ब्लॉक के नथुवाखान क्षेत्र में एक हेक्टेयर में रोजमैरी के उत्पादन की तैयारी कर ली है। बकायदा किसानों को भी चिन्हित कर लिया गया है। किसानों को निशुल्क पौधे तैयार कराए कराए जाएंगे। बकायदा तकनीकी जानकारी भी संबंधित विभाग देगा। उत्पादन के बाद विपणन व्यवस्था में भी संगध पौधा केंद्र के कर्मचारी किसानों को मदद करेंगे।
ढाई सौ रुपये प्रति किलो है पत्तों की कीमत
विभागीय अधिकारियों के अनुसार रोजमैरी के पत्तों की कीमत वर्तमान में 250 रुपये किलो है। इसको मसाले व चाय के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी यह काफी मददगार है। भूमि चिन्हित होने के बाद अब पौधरोपण की तैयारी भी तेज कर दी गई है।