🔳मूलभूत सुविधाओं को तरसे गांवों के बाशिंदे
🔳शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को दूरदराज रुख करना बना मजबूरी
🔳व्यवस्था पर टिकी शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं
🔳बदहाल व्यवस्था पर पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों में नाराजगी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में मूलभूत जरुरतों का ही अकाल पड़ गया है। अस्पतालों में न तो समुचित चिकित्सक तैनात हैं और न ही सुविधाएं वहीं स्कूलों में भी शिक्षकों के न होने से बामुश्किल व्यवस्था पर विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। लगातार उपेक्षा होने से पंचायत प्रतिनिधियों व व्यापारियों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।
विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले बेतालघाट ब्लॉक के गांवों में हालात विकट है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के न होने से ग्रामीणों को कोसों दूर रुख करना मजबूरी बन चुका है। अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती व सुविधाओं के न होने से गांवों के बाशिंदे परेशान है। कई बार जोखिम कई गुना बढ़ जा रहा है। गांवों में कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत करने वाले लोगों के नौनिहालों को शिक्षित करने को स्थापित किए गए विद्यालयों में भी हालात बद से बद्तर हो चुके हैं। व्यवस्था पर शिक्षकों को भेज विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। नौनिहाल भी आए दिन विद्यालय में नए नए गुरुजनों को देख रहे हैं। कई गांवों में स्थित विद्यालय में एक ही गुरुजी पहली से पांचवीं कक्षा तक के नौनिहालों को शिक्षा दे रहे हैं। ऐसे में नौनिहालों के बेहतर भविष्य की उम्मीद करना बेमानी साबित हो रहा है। गांवों में स्वास्थ्य व शिक्षा की बिगड़ती स्थिति पर पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह जीना, शेखर दानी, कृपाल सिंह मेहरा, शिवराज सिंह बिष्ट, हीरा सिंह बिष्ट, पंकज नेगी, आंनद सिंह आदि ने गांवों में स्थित अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती, समुचित सुविधाएं तथा विद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।