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= स्टेट हाईवे पर आवाजाही कर रहे यात्री वाहन बाल-बाल बचे
= लगातार बढ़ रहा खतरा
= लोगो ने उठाई सुरक्षात्मक कार्यों की मांग
= सुयालखेत के समीप भी पहाड़ी से दिनभर गिरते रहे पत्थर

(((विरेन्द्र बिष्ट/अंकित सुयाल/पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))

देर रात से हो रही बारिश से अब कमजोर पहाड़ियां जवाब देने लगी है। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से सटी कनवाडी की पहाड़ी से एकाएक भूस्खलन से पत्थर स्टेट हाईवे तक पहुंच गए। आवाजाही कर रहे यात्री वाहन बाल-बाल बच गए।
बारिश के शुरू होने के साथ ही रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर जोखिम बढ़ गया है। अल्मोडा़ व नैनीताल जनपद की सीमा को जोड़ने वाले रानीखेत पुल से कुछ आगे कनवाडी की पहाड़ी से भूस्खलन होने से खतरा दोगुना हो गया है। एकाएक भूस्खलन होने से मलबा व पत्थर स्टेट हाईवे तक पहुंच गए। आवाजाही कर रहे यात्री वाहन बाल-बाल बच गए। संयोगवश बड़ा हादसा टल गया। इस बीच कई देर जाम भी लगा रहा। पत्थरों के गिरने का क्रम थमने के बाद यात्री वाहन चालकों ने जान जोखिम में डाल वाहन आगे बढ़ाएं। वहीं कनवाडी़ की पहाड़ी से खतरनाक स्थिति पर लटके विशालकाय बोल्डर पर भी दरारें गहरा गई है जिससे खतरा कई गुना बढ़ गया है। कालिका मोड से भुजान तक कई स्थानों पर सुरक्षात्मक कार्य ना होने से शाम के वक्त आवाजाही में स्थिति खतरनाक हो चुकी है। अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुयालखेत के समीप पहाड़ी से दिनभर पत्थर गिरते रहे। कई बार जाम भी लगा।