= ग्रामीणों ने उठाए कार्रवाई की मांग
= बंदरों की लगातार बढ़ती संख्या पर ग्रामीण सख्ते में

(((शेखर दानी/हरीश चंद्र/पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))

गांवो में बंदरो का आंतक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बंदर घरो से सामान उठा ले जा रहे हैं। फसल बर्बाद कर रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि बाहरी क्षेत्रों से बंदर लाकर गांवो में छोड़े जा रहे हैं। ग्रामीणों ने मामले में जांच कर कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है।
बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में बंदरों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। ग्रामीण परेशान है। किसानों की हाड़तोड़ मेहनत के बाद उपज को बंदर बर्बाद कर दे रहे हैं। दुकानों से सामान उठा ले जाना आम बात है। वहीं कई क्षेत्रों में कटखने बंदर ग्रामीणों पर झपट जा रहे हैं। बंदरों का आतंक भारी पड़ते जा रहा है। कई बुजुर्गों तक को बंदर काट कर गंभीर रूप से जख्मी भी कर चुके हैं। गांव में लगातार बढ़ती बंदरों की संख्या से ग्रामीण भी सख्ते में हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांवो में बंदरों की संख्या लगातार बढ़ते ही जा रही है। निश्चित रूप से बाहरी क्षेत्रों से लाकर बंदरो को गांवो में छोड़ा जा रहा हैं। वाहनों के जरिए रात के वक्त बंदरों को तराई से पहाड़ों की ओर भेजा जा रहा है। बीते दिनों की बेतालघाट ब्लॉक के रिखोली क्षेत्र के आसपास वाहन के जरिए बंदरों को लाकर छोड़ा भी गया था। जिस पर ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को भी मामले में सूचना दी पर कुछ ना हो सका। ग्रामीणों का आरोप है की तराई से पहाड़ को बंदर भेजे जा रहे हैं जो ठीक नहीं है। कहा है कि यदि यहीं स्थिति रही तो बंदर गांवो में खतरनाक स्थिति पैदा कर देंगे। चेताया कि यदि जल्द रोक नहीं लगाई गई तो गांव के लोगों को साथ लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा।