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= डोली के सहारे मरीजों को पहुंचाया जाता है अस्पताल
= सड़क निर्माण ना होने पर ग्रामीण निराश

(((महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे तमाम गांवों के ग्रामीण आज भी सड़क सुविधा को तरस रहे हैं। सड़क सुविधा ना होने से ग्रामीणों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क सुविधा ना होने से ग्रामीणों में निराशा है।
गांव गांव विकास तथा सड़कों का जाल बिछाने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार व उसके नुमाइंदों के दावे हाइवे से सटे जनता, बोहरु, वलनी गांव में खोखले साबित हो रहे हैं। हाईवे से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित गांवों के लोगों को सड़क सुविधा का लाभ आज तक नहीं मिल पाया है जिस कारण ग्रामीण परेशान है। सब्जी उत्पादक इन गांवों में काश्तकार सिर पर उपज को लेकर हाइवे तक पहुंचते हैं तब जाकर उपज बड़ी मंडियों तक पहुंच पाती है। मरीजों को डोली के सहारे हाईवे तक लाया जाता है तब जाकर मरीजों को सीएचसी सुयालबाड़ी व सीएचसी गरमपानी तक पहुंचाया जाता है। जनता, बोहरु, वलनी गांव के करीब 150 से ज्यादा परिवार आज भी सड़क सुविधा के लिए तरस रहे हैं। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से दो किलोमीटर दूर इन गांवों के ग्रामीण मूलभूत जरूरतों तक के लिए पैदल ही दूरी नापते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ताडी़खेत ब्लॉक के पजीना गांव तक रोड निर्माण किया जा चुका है जहां से गांव की दूरी महज चार किमी है। यदि पजीना रोड का विस्तार किया जाए तो गांव के लोगों को सड़क सुविधा का लाभ मिल सकेगा। स्थानीय रुप सिंह, दलीप सिंह, राजेंद्र सिंह, ईश्वर सिंह, लक्ष्मण सिंह, किशन सिंह, पूरन सिंह कुंवर सिंह आदि ग्रामीणों ने गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की पुरजोर मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि गांव को सड़क सुविधा का लाभ नही दिलाया गया तो हाईवे पर उधर धरना प्रदर्शन को मजबूर होंगे।