◾एक वर्ष से सिंचाई नहर में पानी न आने से खेती-बाड़ी प्रभावित
◾कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद नहीं हुई सुनवाई
◾किसानों ने सिंचाई विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
◾नुकसान का मुआवजा दिए जाने की उठाई पुरजोर मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

पहाड़ के धरतीपुत्रों की परेशानी कम नहीं होने का नाम नहीं ले रही। बेतालघाट ब्लॉक के तल्लाकोट व बादरकोट गांव के सैकड़ों कास्तकारों की उपज सिंचाई के पानी के अभाव में सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसानों ने आरोप लगाया है की कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुध नहीं ली गई जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने नुकसान का मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।

गांवो में जंगली जानवर खेतीबाड़ी के लिए अभिशाप बन चुके हैं। वहीं कई गांवों में किसान हाड़तोड़ मेहनत कर खेती-किसानी में जुटे भी है तो जिम्मेदारों की अनदेखी किसानों की मेहनत पर भारी पड़ती जा रही है। विकासखंड बेतालघाट के तल्लाकोट व बादरकोट गांव के सैकड़ों किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनाई गई सिंचाई नहर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से बदहाल है जिसका खामियाजा गांव के किसानो को भुगतना पड़ रहा है। पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से नहर में पानी न आने से किसान परेशान हैं। स्थानीय किसान पुष्कर सिंह जलाल के अनुसार पानी न होने से आलू, टमाटर, हल्दी, अरबी की उपज सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है। जिससे भारी नुक्सान पहुंचा है। आरोप लगाया की कई बार सिंचाई विभाग से नहर को दुरुस्त कर पानी सुचारु किए जाने की मांग भी उठाई गई पर लगातार अनदेखी की गई और अब उपज चौपट हो चुकी है। मोहन सिंह, महेंद्र सिंह, हिमांशु, भगवत सिंह, लाल सिंह, टीका सिंह, प्रताप सिंह, मनोहर सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने नुकसान का मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।