◾2.86 करोड रुपये से योजना का पुर्नगठन होने के बावजूद हलक सूखे
◾रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना से होती है आपूर्ति
◾धूराफाट संघर्ष समिति ने लगाया बजट ठिकाने लगाने का आरोप
◾जल्द आपूर्ति सुचारु न करने पर आंदोलन का ऐलान
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
समीपवर्ती गांवों में पानी की बूंद बूंद को हाहाकार मचा हुआ है। यह हालात तब है जब योजना के पुर्नगठन को 2.86 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च भी की जा चुकी है बावजूद सैकड़ों परिवार पीने के पानी को तरस गए हैं। धूराफाट संघर्ष समिति ने पुर्नगठन के नाम पर बजट ठिकाने लगाने का आरोप लगाया है। जल्द पेयजल आपूर्ति दुरुस्त न करने पर आंदोलन का ऐलान भी कर दिया है।
दरअसल कोसी घाटी के तमाम गांवों को रिची थापल पंपिंग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति होती है। पूर्व में धूराफाट संघर्ष समिति के तत्वाधान में करीब महिने भर चले आंदोलन के बाद सरकार ने 2.86 करोड़ रुपये का बजट योजना के पुनर्गठन के लिए स्वीकृत किया। उम्मीद जगी की सूदूर गांवों के लोगों को राहत मिल सकेगी पर उम्मीद धरी की धरी रह गई। लोधियाखान, मुसौली, बयेडी़, हिडा़म, बलियाली आदि तमाम गांवों में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से पेयजल आपूर्ति ठप है। गांव के लोग दूर दराज से सिर पर पानी ढोकर घरों तक पहुंचाने को मजबूर हैं। सैकड़ों परिवार परेशानी का सामना कर रहे हैं बावजूद सुध नहीं ली जा रही। आरोप है की जल संस्थान व जल निगम के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल पल्ला झाड़ ले रहे हैं पर व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा रहा। आपूर्ति सुचारु करने के दावे तो खूब किए जा रहे हैं पर नलों से पानी की बूंद तक नहीं टपक रही। धूराफाट संघर्ष समिति अध्यक्ष पूरन चंद पांडे ने पुर्नगठन के नाम पर बजट ठिकाने लगाने का आरोप लगाया है। तहसीलदार को ज्ञापन भेज मामले की जांच किए जाने की मांग भी की है दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द पेयजल आपूर्ति सुचारु नहीं की गई तो फिर ग्रामीणों को साथ लेकर दोबारा अनिश्चितकालीन धरना शुरु किया जाएगा।