= रतौडा़ से बेतालघाट तक मोटर मार्ग खस्ताहाल
= जान जोखिम में डाल आवाजाही बनी नियती
= जल्द सुधार न होने पर आरपार का ऐलान
(((शेखर दानी/विरेन्द्र बिष्ट/पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))
केंद्र व राज्य सरकार सुदूर गांवों में मोटर मार्ग निर्माण का दावा करें पर पूर्व में बन चुके मोटर मार्गो की दुर्दशा तमाम सवाल खड़े कर रही है। खस्ताहाल हो चुके मोटर मार्ग की कोई सुध ही नहीं ली जा रही। जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बेतालघाट ब्लॉक मुख्यालय को तमाम गांवो से जोड़ने के लिए वर्षो पूर्व रतौडा़ बेतालघाट मोटर मार्ग का निर्माण किया गया। विभागीय अनदेखी से धीरे-धीरे मोटर मार्ग खस्ताहाल होता चला गया। आलम यह है कि मोटर मार्ग की सुध ही नहीं ली जा रही। मोटर मार्ग पर आवाजाही के दौरान गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे होने से बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। कई बाइक सवार चोटील भी हो चुके हैं। बावजूद संबंधित विभाग सुध नहीं ले रहा। आवाजाही में फजीहत का सामना करना पड़ता है। मोटर मार्ग पर अनगिनत गड्ढे हो चुके हैं। वहीं बड़े-बड़े पत्थरों से वाहनों को भी नुकसान हो रहा है। जिससे वाहन स्वामियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है। रतौडा़, नैनीचैक, तिवारी गांव आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण मोटर मार्ग पर आवाजाही करते हैं जिससे ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों के अनुसार कई बार मोटर मार्ग को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। खस्ताहाल मोटर मार्ग पर आवाजाही नियति बन चुकी है। ग्रामीणों ने मोटर मार्ग को तत्काल दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि उपेक्षा की गई तो मोटर मार्ग पर आवाजाही ठप कर दी जाएगी।