= विरासत का अंगीकार योजना के तहत होंगे विशेष कार्य
= प्रदेश की संस्कृति विभाग ने बड़ाए कदम


(((पंकज नेगी/”अंकित सुयाल/विरेन्द्र बिष्ट)))

विरासत का अंगीकार योजना के तहत प्रदेश का संस्कृति विभाग पुरातात्विक स्मारकों को सुविधाओं से लैस करेगा। सभी कार्य स्मारक से कुछ दूर नियमो के साथ होंगे। पुरातात्विक स्मारकों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। संस्कृति विभाग का मकसद पर्यटको को पुरातात्विक स्मारकों से रुबरु कराना तथा प्रदेश की संस्कृति का प्रचार प्रसार करना है।
प्रदेश में क्षेत्रीय पुरातत्विक इकाई अल्मोड़ा व पौड़ी के अधीन करीब 71 पुरातत्व स्मारक हैं। विभिन्न राज्यों से पहुंचने वाले पर्यटक उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों में सैर सपाटा तो करते हैं पर पुरातात्विक स्मारकों की उन्हें जानकारी ही नहीं हो पाती। जिस कारण स्मारकों तक नहीं पहुंच पाते और बिना स्मारकों को देखे ही वापस लौट जाते हैं। ऐसे में अब सांस्कृतिक विभाग ने कदम आगे बढ़ा लिए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार संस्कृति विभाग पुरातात्विक स्मारकों के आसपास पहुंच मार्ग, बिजली, पानी की व्यवस्था के साथ ही दिव्यांगों के लिए शौचालय, रैंप, व्हीलचेयर, ब्रेल संकेत, स्मारक प्रतिकृति तथा वाईफाई आदि की व्यवस्था करेगा। यात्री स्नान गृह, कपड़े धोने की सुविधाओं आदि की भी व्यवस्था होगी। विभागीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पुरातात्विक स्मारकों के आसपास किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होगी सभी कार्य कुछ दूरी पर होंगे इसके लिए बकायदा तैयारी तेज कर दी गई है।

स्मारकों के रात्रि दर्शन की भी है योजना

योजना के तहत पर्यटको की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जाऐगा। निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाऐगे। विशेष शर्तों के साथ स्मारक के रात्रि दर्शन की भी सुविधा शुरू की जाएगी। पर्यटकों को विशेष जानकारी देने के लिए पर्यटक बहुद्देशीय केंद्र भी स्थापित किए जाने की योजना है।