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= कार्यकाल हुआ पूरा नए अध्यक्ष की नहीं हो सकी नियुक्ति
= नौनिहालों के लिए बनाई योजनाओं की मॉनिटरिंग करने वाला विभाग ही मुखिया विहीन
= पुराने अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाना या नए मुख्य की ताजपोशी सरकार पर निर्भर

((( विशेष संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट)))

प्रदेश में नौनिहालों के लिए संचालित योजनाओं की मॉनिटरिंग समेत तमाम कार्यों का जिम्मा संभालने वाले राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष पद रिक्त हो गया है। सरकार भी तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी तेज करने का दावा कर रही है पर मॉनिटरिंग का जिम्मा संभालने वाले आयोग के मुख्य का ही पद रिक्त होने से बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आयोग के अध्यक्ष का पद एक माह से खाली है। सूत्रों के अनुसार इस पद को 12 घंटे से अधिक समय तक खाली नहीं रखा जा सकता।
बाल अपराध, नशा समेत नौनिहालों की जिम्मेदारी संभालना , योजनाओं का लाभ नौनिहालों तक मिल भी रहा है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग करने वाले विभाग के मुखिया का पद एक माह से रिक्त हो गया है। हालांकि निवर्तमान अध्यक्ष उषा नेगी ने दावा किया है कि तीसरी लहर से नौनिहालों को बचाने के लिए उन्होंने राज्य सरकार के साथ ही स्वास्थ्य सचिव, डीजी हेल्थ समेत उच्च अधिकारियों को पत्राचार कर दिया था। साथ ही तमाम सुझाव भी दिए। नगरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस बढ़ाने की बात कही थी। कहा की हालांकि सरकार तेजी से काम कर रही है और गभीर है। अध्यक्ष पद खाली होने से तमाम कार्यों पर प्रगति थमना लाजमी है हालांकि अभी अध्यक्ष पद का पदभार आयोग के सदस्य सचिव के पास है पर अध्यक्ष पद खाली होने से कहीं ना कहीं कार्यों के क्रियान्वयन में परेशानी होना लाजमी है। सूत्र बताते हैं कि आयोग अध्यक्ष का पद 12 घंटे से ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकता क्योंकि आयोग के अंतर्गत अदालत भी संचालित होती हैं। अब देखना यह होगा कि नई सरकार पूर्व अध्यक्ष को ही इस पद पर विराजमान करती है। कार्यकाल का समय बढ़ाती है या फिर नए अध्यक्ष को इस पद की कमान संभालने को देती है।