= वैक्सीन पहुंची तब खिले चेहरे
= सुदूर गांवों से सुबह सात बजे ही टीकाकरण केंद्र पहुंच रहे ग्रामीण
= टीकाकरण केंद्र में 11 बजे पहुंच पाई वैकसीन
(((सुनील मेहरा/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
काकडी़घाट क्षेत्र में बने टीकाकरण केंद्र में लोगों को चार घंटे इंतजार के बाद वैक्सीन लग सकी। सूदूर गांवो से टीकाकरण की दूसरी डोज लगाने पहुंचे कई बुजुर्ग परेशान दिखे। हालांकि बाद में टीकाकरण शुरू हुआ पर शारीरिक दूरी के नियम टूटते चले गए।
आसपास के गांवों के लोगों के टीकाकरण को अल्मोड़ा हाइवे से सटे काकडी़घाट क्षेत्र में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। सोमवार को इनाड़, सूरी, मटेला, डोल, मंगडोली, खान आदि तमाम गांव के बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष काकडी़घाट स्थित टीकाकरण सेंटर में पहुंचे। सुबह सात बजे से टीकाकरण केंद्र परिसर में टीम का इंतजार करते रहे। करीब 11 बजे ताड़ीखेत से वैक्सीन टीकाकरण केंद्र पहुंच पाई।तब जाकर वैक्सीनेशन शुरू हो सका। चार घंटे इंतजार से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। भगवती देवी, बचूली देवी, मधुली देवी, लीला देवी, चंद्रा देवी, जयंती देवी, धन सिंह, चंदन सिंह, आनंद सिंह, राजेंद्र सिंह, किशन सिंह आदि ने समय पर टीकाकरण शुरू कराए जाने की मांग की। साथ ही गांवों में भी शिविर लगाने की मांग दोहराई। इधर टीकाकरण शुरू होने के बाद शारीरिक दूरी के नियम टूटते चले गए। कई लोग बिना मास्क के ही टीकाकरण सेंटर के आसपास घूमते रहे। इधर डॉ. डीएस नबियाल ने बताया की ताड़ीखेत से काकडी़घाट की दूरी करीब चालीस किमी है ऐसे में वाहन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने में समय लगता है। दस बजे बाद ही कार्यवाही शुरु होती है। गांव के लोग सुबह सात नही दस बजे तक वैक्सीनेशन सेंटर में पहुंचे। उपलब्धता के आधार पर सभी का टीकाकरण किया जाएगा।