◾ जानवरों की आवाजाही से ही गिरने लगते हैं पत्थर
◾ कई लोगों की हो चुकी है मौत कई होते हैं घायल
◾ खतरनाक स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा के ठोस इंतजाम किए जाने की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कमजोर हो चुकी पहाड़ियां खतरे का सबब बन चुकी है‌। भवाली से काकड़ीघाट तक का सफर खतरे भरा है। दरक रही पहाड़ियों से तेज हवा व जंगली जानवरों की आवाजाही मात्र से ही पत्थर गिरने लगते हैं। लोगों ने खतरनाक स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा का ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है।
कुमाऊं की महत्वपूर्ण लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर जर्जर हो चुकी पहाड़ियां बडे़ खतरे की ओर इशारा कर रही है। पहले अक्सर भारी बारिश में दरकने वाली पहाड़ियो से अब हवा के तेज झोंके तथा जंगली जानवरों की आवाजाही में ही पत्थर गिरने लगते हैं। काफी ऊंचाई से गिरने वाले पत्थरों से खतरा कई गुना बढ़ जा रहा है। पूर्व में भी कई लोग पत्थरो की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। की लोग गंभीर रुप से घायल भी हो जाते हैं। आए दिन पत्थरो से आवाजाही कर रहे वाहन भी क्षतिग्रस्त होते हैं। भवाली से काकड़ीघाट तक पाडली, दोपांखी, भोर्या बैंड, लोहाली, जौरासी, नावली, काकड़ीघाट क्षेत्र में हाइवे से सटी पहाड़ी कमजोर पड़ चुकी है। कुबेर सिंह जीना, मनीष तिवारी, विरेंद्र बिष्ट, महेंद्र सिंह, संजय सिंह, दीवान सिंह बिष्ट, देवेश त्रिपाठी, दुर्गा सिंह, मनोज नैनवाल आदि ने हाईवे पर लगातार दरक रही पहाड़ी से खतरा टालने को ठोस कदम उठाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।