= कई मवेशियों को उतार दिया मौत के घाट
= बैंकों से ऋण लेकर खरीदे मवेशी
= ग्रामीणों ने उठाई पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की मांग
(((पंकज नेगी की रिपोर्ट)))
गांव-गांव मवेशीखोर गुलदार की धमक बढ़ने से पशुपालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है ।गुलदार मवेशियों को मार डाल रहा है जिससे पशुपालक परेशान है। पशुपालकों ने बैंकों से ऋण लेकर तक पशुपालन का कार्य शुरू किया है।
पशुपालकों व किसानों के हालात ठीक नहीं है। लगातार नुकसान से काश्तकार तथा पशुपालन परेशान हैं। गांव में जंगली जानवर उपज बर्बाद कर दे रहे हैं तो वही पशुपालकों के मवेशियों को गुलदार मौत के घाट उतार दे रहे हैं। जिस कारण पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे ज्याडी़ गांव में कैलाश सिंह की गाय को गुलदार ने दिनदहाड़े ही मार डाला। जिस कारण ग्रामीणों में भी दहशत व्याप्त है। आसपास के गांवों में भी मवेशीखोर गुलदार आबादी तक पहुंच जा रहा है यही नहीं गौशाला से तक मवेशियों को खींच कर मार डाल रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग से मवेशीखोर गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग की है। पशुपालकों का कहना है कि आय का एकमात्र साधन भी नुकसान का जरिया बनता जा रहा है। लोगों ने पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है।