◾गांव से कुछ दूर वन विभाग ने लगाया था पिंजरा
◾ लगातार मवेशियों को बना रहा था निवाला
◾ गुलदार के कैद होने के बाद गांवों के वासिदों ने ली राहत की सांस
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले काकड़ीघाट – खूंट मोटर मार्ग पर स्थित रैंगल गांव में दहशत का पर्याय बन चुका गुलदार आखिरकार वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। गुलदार के कैद होने से गांव के वासिदों ने राहत की सांस ली है। ग्रामीणों के अनुसार गुलदार अब तक गांव के पशुपालकों के कई मवेशियों को निवाला बना चुका है।
काकड़ीघाट – खूंट मोटर मार्ग पर स्थित हवालबाग ब्लॉक के रैंगल गांव में बुधवार को गुलदार वन विभाग के लगाए पिंजरे में कैद हो गया। गुलजार के पिंजरे में कैद होने की सूचना पर आसपास के गांवों से भी लोग रैंगल गांव पहुंच गए। वन पंचायत सरपंच भीम सिंह रौतेला के अनुसार पिछले कई दिनों से गांव में गुलदार की घुसपैठ बढ़ने से गांव के वासिंदे दहशत में थे। गुलदार लगातार मवेशियों का शिकार करता। अब दिन में भी गुलदार आबादी के नजदीक दिखाई देने लगा। ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने बीते 21 अप्रैल को गांव से कुछ दूर स्थित कोट के गधेरे में पिंजरा लगाया पर शातिर कैद न हो सका। बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे के आसपास गुलदार के दहाड़ने की आवाज सुन लोग दहशत में आ गए। कोट के गधेरे से आ रही आवाज से गुलदार के फंसने का आभास हुआ। मौके पर देखा तो गुलदार पिंजरे में कैद हो चुका था। सरपंच भीम सिंह रौतेला ने सूचना वन विभाग के अधिकारियों को भेज दी है। वन विभाग के अधिकारियों की टीम गांव के ओर रवाना हो चुकी है। मवेशीखोर गुलदार के कैद होने से पशुपालकों व ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।