◾ प्रधानाचार्य समेत आठ शिक्षकों की राह देख रहे नौनिहाल
◾शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालय में चरमराई शिक्षा व्यवस्था
◾शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर अभिभावकों व क्षेत्रवासियों में रोष
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
गांवो के नौनिहाल शिक्षा विभाग की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। जीआइसी रातीघाट में ही विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के आठ पद रिक्त हैं। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। नौनिहालों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है।
एक ओर गांवो में शिक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के खूब दावे किए जाते हैं पर धरातल में दावे खोखले साबित होते जा रहे हैं। गांवों के विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं बगैर शिक्षक कैसे नौनिहाल भविष्य बनाएंगे यह बड़ा सवाल है। जीआइसी रातीघाट में आसपास के गांवों के तमाम नौनिहाल शिक्षा लेने पहुंचते हैं पर विद्यालय में प्रधानाचार्य समेत हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, भौतिक विज्ञान प्रवक्ता जैसे महत्वपूर्ण विषयों के पद रिक्त पड़े हुए हैं जबकि एलटी में हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य विज्ञान जैसे अहम पदों पर शिक्षक नहीं है। बामुश्किल प्रभारी प्रधानाचार्य के जरिए विद्यालय संचालित किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी से नौनिहालों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है। कई बार मांग उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। अभिभावकों व क्षेत्रवासियों में भी गहरा रोष व्याप्त है। स्थानीय तारा सिंह बिष्ट, एनके आर्या, जीवन सिंह, देवेंद्र भंडारी, डीके सती, किशन चंद्र आर्या आदि ने तत्काल शिक्षकों की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि उपेक्षा हुई तो फिर विद्यालय परिसर में ही आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।