◾जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर गांवों के वासिंदे
◾कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
◾सड़क पर डामरीकरण किए जाने की उठी मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

गांवों को जोड़ने वाली सड़के बदहाली का दंश झेल रही है। गांवों के वासिंदे जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर हैं बावजूद कोई सुधलेवा नहीं है। परेशानी से जूझ रहे गांवों के वासिदों ने महत्वपूर्ण सकदीना – तड़ी – जिनोली मोटर मार्ग को दुरुस्त करने की पुरजोर मांग उठाई है। उपेक्षा पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
रातीघाट- बेतालघाट मोटर मार्ग स्थित बसगांव क्षेत्र से सकदीना, जिनोली, तड़ी, नेगूडा़, पटोडी़ समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग पर मार्ग निर्माण के बावजूद 18 वर्ष का लंबा समय बीतने के बावजूद डामरीकरण न होने से गांवों के वासिदों में गहरी नाराजगी है। आवाजाही में लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रात के वक्त जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। मोटर मार्ग की बदहाली से दुर्घटना का खतरा भी बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है की कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुध नहीं ली जा रही। बदहाल मोटर मार्ग पर आवाजाही नियती बन चुकी है। स्थानीय गोविंद नेगी, अनिल बुधलाकोटी, कैलाश बुधलाकोटी,चंदन नेगी, राजेंद्र नैनवाल, केवलानंद, कैलाश नैनवाल, प्रकाश राम, शंभू राम, चनर राम आदि ने समय रहते मोटर मार्ग पर डामरीकरण किए जाने की मांग उठाई है। चेताया की अब उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।