◾ हाइवे का बडा़ हिस्सा खाई में समाने के बावजूद नहीं ली जा रही सुध
◾ हवा में झूल रहे सुरक्षित यातायात को लगे क्रश बैरियर
◾ सुरक्षित यातायात को ठोस कदम उठाए जाने की उठी मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर एनएच प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। नावली क्षेत्र से कुछ कदम आगे हाईवे का बड़ा हिस्सा कोसी नदी में समा चुका है बमुश्किल खतरे के बीच आवाजाही हो रही है बावजूद कोई सुधलेवा नहीं है सुरक्षित यातायात को लगाए गए क्रैश बैरियर भी हवा में झूल रहे हैं। व्यापारियों ने हाईवे के खतरे वाले स्थानों पर सुरक्षा के ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई।
नावली क्षेत्र से कुछ कदम आगे हाईवे का करीब तीन सौ मीटर से ज्यादा का हिस्सा दो वर्ष पूर्व अक्टूबर में आई आपदा में कोसी नदी में समा चुका है। सुरक्षित यातायात को लगाए गए क्रैश बैरियर भी हवा में झूल रहे हैं। रात के वक्त जोखिम दोगुना बढ़ जा रहा है बावजूद कोई सुधलेवा नहीं है। हालात ऐसे हैं कि मिट्टी के ढेर लगाकर खतरा टालने की कोशिश की गई है। हाईवे पर रोजाना सैकड़ों वाहन आवाजाही करते हैं जिससे खतरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि कई बार सुरक्षित यातायात को ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुधलेवा नहीं है आवाजाही कर रहे लोग जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं। बावजूद एनएच प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। व्यापारी नेता वीरेंद्र सिंह बिष्ट, दीवान सिंह, संजय सिंह बिष्ट, नरेंद्र सिंह, कुबेर सिंह जीना, हरीश कुमार, हरीश चंद्र, पंकज नेगी, फिरोज अहमद, सुनील मेहरा, पंकज भट्ट आदि लोगों ने हाईवे पर खतरे वाले स्थानों पर सुरक्षित आवाजाही को ठोस उपाय किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि समय रहते सुध नहीं ली गई तो फिर एनएच प्रशासन के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।