◾जंगल की बेशकीमती वन संपदा जलकर हुई खाक
◾ वन विभाग की कार्यशैली पर उठे गंभीर सवाल
◾ आग बुझाने के दावे जंगल की आग से उठ रहे धुएं में ओझल

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

यूं तो वन विभाग के अफसर बडे़ बडे़ कार्यक्रम, रैलियों व गोष्ठियों में जंगलों को आग से बचाने को बडे़ बडे़ दावे करते नहीं थकते पर शायद थुआ के जंगल में दो दिन से धधक रही आग की तपिस अफसरों तक नहीं पहुंच पाई है। दो दिन से जंगल से उठ रहा आग का गुबार विभागीय अधिकारियों के दावों की हकीकत बंया कर रहा है। वहीं रातीघाट बेतालघाट मोटर मार्ग पर सूरीफार्म क्षेत्र से आगे कोसी नदी से सटा जंगल दावानल की चपेट में आ गया है।
थुआ के जंगल में भड़की आग ने वनसंपदा को भारी नुकसान पहुंचा दिया है। बीते रविवार से जंगल में लगी आग को सोमवार शाम तक काबू नहीं किया जा सका है। धीरे धीरे लगी आग ने विकराल रुप धारण कर जंगल के बडे़ हिस्से को चपेट में ले लिया। दो दिनों से धधक रही आग को काबू न किए जाने से लोगों में गहरा रोष व्याप्त है। विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आरोप लगाया है की बडे़ बडे़ दावे तो किए जाते हैं पर जंगलों के आग की चपेट में आने पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही सामने आ जाती है। दो दिनों से लगातार धधक रही आग को काबू नहीं किया जा सका है। उधर बेतालघाट – रातीघाट मोटर मार्ग पर सूरीफार्म से कुछ आगे कोसी नदी से सटा जंगल भी वनाग्नि की चपेट में आ गया है। लोगों ने वनों को आग से बचाने को ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई है।