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= धूल के गुबार से व्यापारी परेशान
= ग्राहक भी रुकने को तैयार नहीं, उठाना पड़ रहा नुकसान

(((कुबेर सिंह जीना की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा भवाली राजमार्ग पर काकडीघाट से क्वारब के बीच स्थित दुकानें सील बंद हो गई है। व्यापारियों ने हाईवे से उठ रही धूल से बचने के लिए दुकानों के बाहर मोटी पन्नीयां लगा दी हैं। बावजूद राहत नहीं मिल रही। आक्रोशित व्यापारियों ने हाईवे पर पानी छिड़काव की मांग उठाई है। दो टूक कहा की उपेक्षा की गई तो एनएच के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।
कोरोना कर्फ्यू में ढील में मिलने के बाद भी अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर नावली, काकडी़घाट, मर्नसा, सुयालखेत, सुयालबाडी़, खीनापानी, नैनीपुल,क्वारब क्षेत्र के व्यापारियों को राहत नहीं है। हाईवे पर काकडी़घाट से क्वारब तक चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है जिससे हाईवे बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है। सड़क से उड़ रही धूल से व्यापारी परेशान है। धूल से बचने को व्यापारियों ने मोटी पन्नीयां तक अपनी दुकान के आगे लगा दुकानो को सील कर दिया है बावजूद धूल दुकानों व घर में घुस रही है जिससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है। धूल से ग्राहक भी रुकने को तैयार नहीं जिससे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि कई बार एनएच प्रशासन को कहा जा चुका है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। उड़ रही धूल के गुबार से जीना मुश्किल होता जा रहा है। बालम सिंह नेगी, कुबेर सिंह जीना, गिरीश सुयाल, आनंद सिंह जीना, मदन गिरी, मदन सुयाल, प्रकाश जोशी, डीएन जोशी आदि लोगों ने एनएच प्रशासन की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है। वहीं
बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद हाईवे पर जगह-जगह मलबा करीब चार दिन बाद भी नहीं हटाया जा सका है। जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जगह-जगह बोल्डर व मलवा इकट्ठा है। पर एनएच प्रशासन सुध नहीं ले रहा। यात्री व वाहन चालक जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। रात्रि के वक्त खतरा दोगुना बढ़ जा रहा है। लोगों ने हाईवे से मलबा व पत्थर हटाए जाने की मांग की है।