◾मामले की जांच कर दोबारा निविदाएं आमंत्रित कर नीलामी किए जाने की मांग
◾ जीआइसी खैरना में प्रयोगशाला व एक अन्य भवन के पत्थरों की नीलामी का मामला
◾ प्रधानाचार्य बोले – सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा की गई थी सूचना

   ((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

जीआइसी खैरना में बगैर निविदाएं आमंत्रित कर प्रयोगशाला व एक अन्य भवन में लगे पत्थरों की नीलामी से लोगों का पारा चढ़ गया है। दोबारा निविदा आमंत्रित कर नीलामी किए जाने की मांग उठाई है। आरोप लगाया की ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के मकसद से गुपचुप ढंग से नीलामी की गई है। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य एमसी बजाज के अनुसार सूचना सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा की गई थी पर अखबार में निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे जीआइसी खैरना में बीते दिनों पुरानी प्रयोगशाला समेत एक अन्य भवन में लगे पत्थरों की नीलामी कर दी गई। क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया कि बगैर निविदाएं प्रकाशित कर नीलामी की गई है जो तर्कसंगत नहीं है। पता चला है कि महज नौ हजार रुपये में ही कीमती पत्थरों की नीलामी हुई है। जिससे विद्यालय प्रबंधन को नुकसान हुआ है। मिलीभगत से बगैर निविदा आमंत्रित कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया है जो ठीक नहीं है। वीरेंद्र सिंह बिष्ट, बालम सिंह, संजय सिंह, नरेंद्र बिष्ट, हरीश कुमार, दयाल सिंह आदि ने मामले की जांच कर दोबारा निविदाएं प्रकाशित कर पत्थरों की नीलामी किए जाने की मांग उठाई है। मनमानी पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। विद्यालय के प्रधानाचार्य एमसी बजाज के अनुसार निविदाएं अखबार में प्रकाशित नहीं की गई जबकि सार्वजनिक स्थानों पर निविदाएं चस्पा कर दी गई थी बताया कि नौ हजार रुपये में नीलामी हुई है जिसमें तीन ठेकेदारों ने हिस्सा लिया।