◾ ग्रामीणों सड़कों पर की जा रही बजट की बाजीगरी
◾ गुणवत्ता विहीन कार्यों से ग्रामीणों में नाराजगी
◾ धारी – उल्गौर – थुआब्लाक मोटर मार्ग का मामला
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
ग्रामीण सड़के सरकारी बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। सरकार लाखों रुपये उपलब्ध करा रही है पर गुणवत्ताविहीन कार्य कर बजट की बर्बादी की जा रही है। धारी – थुआब्लाक – उल्गौर मोटर मार्ग इसका जीता जागता उदाहरण बन चुका है। डेढ़ माह पूर्व लाखों रुपये की लागत से किया गया डामरीकरण दम तोड़ गया है। गुणवत्ता विहीन कार्यों से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण धारी – उल्गौर – रुपसिंह धूरा मोटर मार्ग पर डेढ़ माह पूर्व ही लगभग 90 लाख रुपये से अधिक की लागत से डामरीकरण किया गया। ज्यादा समय भी नहीं बीता था की जगह जगह डामर दम तोड़ गया है। डामर उखड़ने व गड्डे होने से बाइक सवारों के रपटने का खतरा बढ़ गया है। महज डेढ़ माह में ही लाखों की लागत से किया गया डामर उखड़ने से क्षेत्रवासियों में गहरा रोष व्याप्त है। आरोप लगाया है की गुणवत्ता विहीन कार्य कर सरकारी बजट की बर्बादी की जा रही है। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ भी किया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोगों ने दोबारा डामरीकरण किए जाने की मांग उठाई है चेतावनी दी है की यदि मनमानी की गई तो फिर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। इधर संबंधित विभाग के सहायक अभियंता उत्तम चंद्र के अनुसार मौसम अनुकूल न होने से फिलहाल कार्य रुकवा दिया गया है। जहां डामरीकरण उखडा़ है उसे दोबारा दुरुस्त करवाया जाएगा।