◾हड्डी रोग विशेषज्ञ की देखरेख में होगा उपचार
◾पांच दिन के मासूम को बिमारी से मुक्त करने को लगातार होगी मॉनिटरिंग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सीएचसी गरमपानी में समीपवर्ती ताड़ीखेत ब्लॉक के एक गांव से लाए गए क्लबफुट बीमारी से ग्रसित पांच दिनी नौनिहाल का इलाज शुरू हो गया है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. जगदीश सिंह पटपटिया के अनुसार मासूम को बीमारी से मुक्त करने के लिए लगातार विशेष मॉनिटरिंग में उपचार किया जाएगा। स्वजनों की भी काउंसलिंग की गई है वही पहले चरण में बच्चे के पांव में प्लास्टर लगा दिया गया है।
गुरुवार को सीएचसी में पड़ोसी ताड़ीखेत ब्लॉक के एक गांव से पांच दिन के बच्चे को उपचार के लिए लाया गया। स्वजनों ने चिकित्सकों को बताया कि मासूम के पांव में दिक्कत है। जांच उपरांत चिकित्सकों ने इसे क्लब फुट बीमारी बताया। स्वजनों को बीमारी के विषय में विस्तार से जानकारी दी बताया कि जन्म से ही कुछ बच्चों के पांव टेढे़ हो जाते हैं उपचार न मिलने के कारण जीवन भर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. जगदीश सिंह पटफटिया ने मासूम का इलाज शुरू करने के साथ ही पहले चरण में प्लास्टर मासूम के पांव में लगाया। हड्डी रोग विशेषज्ञ के अनुसार प्रत्येक सप्ताह मासूम के पांव का प्लास्टर बदला जाएगा साथ ही अन्य उपचार भी दिया जाएगा हालांकि इलाज लंबा होगा पर निश्चित रूप से मासूम को इस बीमारी से निजात दिलाई जाएगी। सीएचसी गरमपानी में क्लब फुट बीमारी से ग्रसित पहले बच्चे के पहुंचने व उपचार शुरू किए जाने पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सतीश पंत ने कहा कि सीएचसी गरमपानी से ही मासूम को पूरा इलाज उपलब्ध कराया जाएगा इसकी जानकारी स्वजनों को भी दे दी गई है। गांव की आशा कार्यकर्ता व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के स्वास्थ्य कर्मियों को भी बच्चे के घर पहुंचकर स्वजनों की काउंसलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये हैं क्लबफुट बिमारी

क्लबफुट एक प्रकार की पैर से सम्बन्धित जन्मजात विकृति (जन्म के समय उपस्थित) होती है जिसमें जन्म के समय से ही बच्चे का पैर उसके सामान्य आकार का नहीं होता है। यह या तो बाहर की ओर या अंदर की ओर मुड़ा होता है। यह नवजात शिशुओं में पायी जाने वाली सबसे आम विकृति है जो हड्डियों और जोड़ों से सम्बन्धित होती है। कई लोग बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतते हैं जिस कारण बच्चे को जिंदगी भर परेशानी का सामना करना पड़ता है पर समय पर इलाज मिलने पर इस बीमारी से मुक्ति पाई जा सकती है