◾स्थानीय वासिंदे बेतरतीब निर्माण व विस्फोटों के इस्तेमाल पर रोक को उठाते रहे आवाज
◾तब नहीं ली गई सुध और अब परिणाम आया सामने
◾उठ रहा सवाल आखिर जिम्मेदार कौन ?
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
हिमालयराज के करीब बसे जोशीमठ के हालात विकट है। देश प्रदेश के लोग दरक रहे जोशीमठ की स्थिति से सख्ते में आ गए हैं। सरकारी मशीनरी में हड़कंप मचा हुआ है। बेतरतीब निर्माण कार्यों व एनटीपीसी व अन्य योजनाओं में विनाशकारी विस्फोट को इसका जिम्मेदार ठहराया जा रहा है पर रहरह कर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं की अब तक आखिरकार अनदेखी क्यों की गई आखिर क्यों वर्षों से जोशीमठ को बचाने को उठ रही आवाज की सुध क्यों नहीं ली गई। निती नियंता आखिर क्यों अनदेखी कर गए। किसकी आड़ पर जनहित से खिलवाड़ कर दिया गया। सवाल उठ रहा है की आखिरकार इस आपदा को बुलावा देने वाला जिम्मेदार है कौन ?
जोशीमठ के हालातो ने वहां के वासिंदो को घुटने के बल ला दिया है। जिंदगी भर की मेहनत की कमाई से बनाए गए लोगों के घर दरक चुके हैं। लगातार खतरा मंडरा रहा है। बेतरतीब निर्माण कार्यों व विस्फोटको पर रोक लगाए जाने की मांग वर्षों से उठती रही पर अनदेखी कर दी गई।आज जब खतरा मुंह तक आ गया तब सरकारी मशीनरी सक्रिय होती दिखाई दे रही है। यहीं सक्रियता तब दिखाई देती जब यहां के लोग विनाशकारी निर्माण व विस्फोट पर रोक लगाने की पैरवी करते रहे पर तब सुध नहीं ली गई और अब जब जोशीमठ में दरारें गहरा गई तो सक्रियता भी दिखाई देने लगी है। बहरहाल इस विनाशलीला को रोकने की मुहिम शुरु करने की जरूरत है खासतौर पर वहां के स्थानीय वासिंदो को लेकर ठोस कदम उठाने और बेतरतीब निर्माण व विस्फोट को रोकने की जरूरत है।