= किसानों की पचास फीसद उपज बर्बाद
= सैंटरोजा व सरसुम प्रजाति के पूलम को गहरे जख्म दे गई बारिश
= रोड बंद होने से भी गांवों में ही बर्बाद हुए फल
(((पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))
मूसलाधार बारिश काश्तकारों के लिए नुकसान का सौदा साबित हुई है।पहले लॉकडाउन, कर्फ्यू , ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी थी और अब मूसलाधार बारिश ने पूलम फल को काफी नुकसान पहुंचाया है। रूपसिंह धूरा, हरतोला गांव में पूलम उत्पादक काश्तकारों की फसल करीब पचास फीसद बर्बाद हो गई है। लोगों ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है ।
अपनी मिठास के लिए जाने जाने वाला सैंटरोजा तथा सरसुमा पूलम पर बारिश ने कहर बरपा दिया है। बारिश से पेड़ों पर तैयार फल बर्बाद हो चुके हैं। रूपसिंह धूरा तथा हरतोला गांव के करीब सौ से ज्यादा किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पहले लॉकडाउन, कर्फ्यू के बाद ओलावृष्टि ने पहले ही किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया था कि अब मूसलाधार बारिश ने बची कुची कसर पूरी कर दी है। काश्तकारों की मानें तो करीब पचास फीसद फल बर्बाद हो चुका है। फल में गहरे निशान हो गए हैं। वही गांव की सड़क बंद होने से काफी उपज गांव में ही बर्बाद हो रही है। स्थानीय पंकज भट्ट, तारा दत्त तिवारी, हिमांशु जोशी, उमेश भट्ट, मोहन भट्ट, संजय भट्ट, मदन सिंह, गोपाल सिंह, संतोष नैनवाल, हरीश चंद्र आदि लोगों ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।