◾दीपावली महापर्व पर बाजार सूना
◾ कास्तकारो की लगातार नुकसान से पहली ही टूट चुकी कमर
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
लगातार आपदा की मार झेल रहे कोसी घाटी के बाजारों में दीपावली महापर्व पर आपादा की मार साफ झलक रही है। महापर्व पर भी बाजार क्षेत्रो में उम्मीद के मुताबिक भीड़भाड़ नहीं है जिससे व्यापारी निराश हैं तो वहीं किसान लगातार नुकसान से मायूस है।
बीते वर्ष दीपावली से ठिक पहले मूसलाधार बारिश से आसपास के गांवों में हुए नुकसान ने दीपावाली की चमक फीकी कर दी थी। बीते दिनों हुई बारिश ने एक बार फिर बीते अक्टूबर की याद ताजा कर दी। बीते वर्ष के जख्म इतने गहरे थे कि अभी ढंग से भरपाई भी नहीं हो सकी थी। कोसी घाटी के बाजार पूरी तरीके से आसपास के गांवों पर निर्भर है। काश्तकारों की बेहतर उपज की चमक बाजारो में साफ दिखाई देती है। अच्छी उपज होने व बेहतर बिक्री होने से काश्तकारों दिल खोलकर बाजारों से खरीददारी करते हैं पर बीते वर्ष से ही किसानों की कमर टूट चुकी है जिससे इस बार का बाजार भी फीका पड़ा हुआ है। मायूस हो चुके किसान महज शगुन की खरीदारी कर मन को समझा रहे हैं। बाजार क्षेत्र में भीड़-भाड़ और वर्षों की अपेक्षा बेहद कम है। बाजार में उम्मीद के मुताबिक रौनक न होने से व्यापारी भी निराश हैं।