panchayat-ghar

= चारों और झाड़ियां कर रही पहरेदारी
= स्थानीय ग्रामीणों में रोष उठाई व्यवस्था में सुधार की मांग

(((कुबेर सिंह जीना की रिपोर्ट)))

गांवों में विकास के लाख दावे किए जाएं पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हालात ये हैं कि विकास तो छोड़िए पंचायत घर ही बदहाल हालत में है ऐसे में गांव की विकास की तस्वीर साफ हो रही है।
अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे सिरसा गांव में पंचायत घर बदहाल हालत में है। पंचायत घर से ही गांवों में विकास का खाका तैयार होता है पर पंचायत घर चारों और झाड़ियों से पटा पड़ा है। दरवाजे खिड़की टूटे पड़े हैं। बदहाल पंचायत घर सरकार की उपेक्षा को दर्शा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार पंचायत घर को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुध लेवा नहीं है ऐसे में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लोगों ने ऐसे सरकारी धन की बर्बादी भी करार दिया है। आपदाकाल में पंचायत घरों की अति आवश्यकता होती है पर बदहाल पंचायत घर किसी काम का नहीं। स्थानीय नारायण सिंह, कुंदन सिंह, आनंद सिंह, मनोज सिंह, चंदन सिंह, गुड्डू आदि लोगों ने पंचायत पंचायत घर को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि उपेक्षा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।