◾ करोड़ों की लागत से पाडली की पहाड़ी पर बारिश में सीमेंट के इस्तेमाल से किए जा रहे कार्य पर लोगों ने जताई आपत्ति
◾ जापानी तकनीक से होने वाले कार्यों में लापरवाही पर हैरानी
◾ मुख्य अभियंता ने दिया बारिश की बूंदों के हिसाब से कार्य होने का हवाला
◾ टीम लीडर बोले – भारी बारिश में नहीं होती कार्य की अनुमति, दी जाएगी चेतावनी

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित अतिसंवेदनशील पाडली की पहाड़ी में जापानी तकनीक से होने वाले कार्य के शुरुआती चरण में ही गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। करोड़ों की लागत से हो रहे कार्य पर लापरवाही का आरोप लगा है। भारी बारिश में सीमेंट से कार्य होने पर लोगों ने आपत्ति जताई है।आरोप लगाया है कि बारिश में सीमेंट कैसे रुक पाएगा। वहीं जायका के मुख्य अभियंता जय कुमार शर्मा ने बारिश की बूंदों के हिसाब से कार्य होने का हवाला दिया तो टीम लीडर उमेश जोशी ने बारिश में कार्य की अनुमति नहीं होने की बात कही। कार्यदाई संस्था को चेतावनी देने का हवाला दिया।
दरअसल हाईवे पर पाडली क्षेत्र में खतरनाक हो चुकी पहाडी़ की मरम्मत को जापानी तकनीक से लगभग 16 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से कार्य किया जा रहा है। समय-समय पर जापानी व भारतीय विशेषज्ञों का दल निरीक्षण भी करता है पर बीते गुरुवार को भारी बारिश में निर्माण कार्य होने पर लोगों ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े कर दिए। हाईवे पर आवाजाही कर रहे लोगों ने बारिश में सीमेंट का इस्तेमाल कर होने वाले कार्यो पर हैरानी जताई। आरोप लगाया कि जब बुनियाद में ही ऐसा कार्य किया जा रहा है तो भविष्य में होने वाले कार्यों की गुणवत्ता कैसी होगी। चेतावनी दी कि यदि लापरवाही की गई तो धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। जनहित से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं जायका विभाग के मुख्य अभियंता जय कुमार शर्मा ने बारिश की बूंदों के हिसाब से कार्य होने का हवाला दिया तो टीम लीडर उमेश जोशी ने भारी बारिश में कार्य करने की अनुमति ना होने की बात कही। कहा कि कार्यदाई संस्था को चेतावनी दी जाएगी।