◾ गुणवत्ताविहीन पत्थर के इस्तेमाल का आरोप
◾ हरी-भरी पहाड़ियों को खोद दिया जा रहा मानव जनित आपदा को न्योता
◾ अधिशासी अभियंता बोले – पत्थर के नमूने जांच को भेजे, नियमानुसार होगी कार्रवाई
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
करोड़ों रुपयो की लागत से बनने वाली गांव की सड़क सवालों के घेरे में आ गई है । तमाम गांवों को जोड़ने वाला मटीला – शीतलाखेत मोटर मार्ग पर ग्रामीणों ने निर्माण कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाया है। सौलिंग में गुणवत्ताविहीन पत्थर लगाने की तैयारी तथा बेतरतीब ढंग से खोदी जा रही पहाड़ियों से मानव जनित आपदा के खतरे का अंदेशा भी जताया है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता ने स्थिति अनुसार सुरक्षात्मक कार्य कराने के साथ ही गुणवत्ता विहीन पत्थर का नमूना जांच को भेजने का दावा किया है।
ग्रामीण सड़कें बजट ठिकाने लगाने का जरिया बनती जा रही हैं। विभागीय अनदेखी से मनमानी चरम पर है। सरकार ने हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले मटीला – शीतलाखेत मोटर मार्ग पर डामरीकरण व अन्य कार्यों के लिए लगभग 3.20 करोड रुपये की भारी-भरकम धनराशि स्वीकृत की है। ग्रामीणों का आरोप है कि डामरीकरण से पूर्व की जाने वाली सोलिंग में कच्चे पत्थर का इस्तेमाल किए जाने की तैयारी है। गुणवत्ता विहीन पत्थर से दीवारें भी खड़ी कर दी गई है। पत्थर हाथ से ही टूट जा रहा है तो वाहन चलने में सड़क तहस-नहस होने का अंदेशा है जिससे सरकारी बजट की बर्बादी होगी वही जगह-जगह सड़क से सटी हरीभरी पहाड़ियों को भारी-भरकम पोकलैंड व जेसीबी मशीनों से तहस नहस किया जा रहा है जिस कारण भविष्य में पहाड़ियों से भूस्खलन होने पर खतरा भी बढ़ सकता है। भूस्खलन रोकने को बजट खर्च किया जाएगा जो सरासर सरकारी बजट का दुरुपयोग होगा। स्थानीय रमेश सिंह भंडारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से सोलिंग कार्य में गुणवत्ता युक्त पत्थर लगाने के साथ ही बेतरतीब ढंग से काटी जा रही पहाड़ियों के कार्य पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है। चेताया है कि यदि मनमानी हुई तो फिर गांव के लोगों को साथ लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। लोनिवि के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस के अनुसार पत्थर के नमूने जांच को भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। सड़क पर स्थिति अनुसार सुरक्षात्मक कार्य भी कराए जाएंगे।