◾ खेतों में सिंचाई ना होने से फसलो पर संकट
◾ग्राम प्रधान ने संबंधित विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
◾कई बार उठाई जा चुकी मांग पर नहीं हो रही सुनवाई
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
ब्लॉक मुख्यालय बेतालघाट के समीपवर्ती अमेल गांव के वाशिंदे जहां पेयजल संकट से जूझ रहे हैं वहीं अब काश्तकार खेतों में पानी की बूंद बूंद को मोहताज हो चुके हैं। सिंचाई नहर के एक वर्ष से ध्वस्त पड़े होने से किसानों की कई फसले चौपट हो चुकी है। ग्राम प्रधान समेत गांव के काश्तकारों ने सिंचाई नहर को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। अंदेशा जताया है कि यदि समय रहते सिंचाई नहर को दुरुस्त नहीं किया गया तो फिर भविष्य में भी खेतों में अन्य उपज बर्बाद हो जाएगी।
ब्लाक मुख्यालय से सटे अमेल गांव के वाशिंदे लगातार परेशानियों का सामना करने को मजबूर है। एक ओर गांव के कई तोक में पानी की बूंद तक नहीं टपक रही वहीं अब किसानों के खेत पानी के अभाव में सूख चुके हैं। अमेल, रोपा, गजार आदि गांवों के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनी नहर बीते आपदा में ध्वस्त हो चुकी है एक वर्ष का समय बीतने को है बावजूद नहर की मरम्मत नहीं की जा सकी है। खेतों तक सिंचाई का पानी न पहुंचने के कारण किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है। ग्राम प्रधान पूजा फुलारा ने आरोप लगाया है कि कई बार नहर की मरम्मत किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है। पूर्व में कई उपज बर्बाद हो चुकी है। भविष्य में फसलो के प्रभावित होने का अंदेशा है। ग्राम प्रधान ने सिंचाई विभाग पर किसानों की उपेक्षा किए जाने का आरोप भी लगाया। स्थानीय दिनेश रावत, किशन सिंह रंगलाल, शेखर चंद फुलारा, श्याम सिंह, हरीश कश्मीरा, लक्ष्मी चंद्र आदि ने सिंचाई नहर की मरम्मत किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। चेताया है कि यदि नहर को समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।