◼️ खेल मैदान के अभाव में नदी किनारे खेलने को हुए मजबूर
◼️प्रतिभाओं को निखारने के दावे हुए खोखले

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट

पर्वतीय क्षेत्र पहले ही मूलभूत जरूरतों के लिए तरस रहे हैं। अनदेखी की मार पर्वतीय क्षेत्रों के नौनिहालों पर भी भारी पड़ रही है। खेल मैदान के अभाव में नौनिहाल नदी किनारे रोकड़ में खेल भाग्य आजमा रहे हैं। विभिन्न खेलों में पहाड़ के नौनिहालों का भविष्य बनाने के दावे करने वाले नीति नियंताओं की मंशा पर भी तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रदेश में खेल महाकुंभ तथा मुख्यमंत्री उदयीमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत प्रतिभाओं को निखारने के लाख दावे किए जाते हैं पर धरातल की तस्वीर दूसरी ही हकीकत बयां कर रही है। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी खैरना क्षेत्र के नौनिहाल एक अदद खेल मैदान को ही तरस गए हैं बगैर खेल मैदान के नौनिहाल कैसे खेलों में भविष्य बनाएंगे यह चिंता का विषय है। मजबूरी में क्षेत्र के नौनिहाल उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी के संगम तट पर स्थित रोखड़ में दांव आजमा रहे हैं। खेल मैदान के अभाव में नौनिहाल नदी किनारे रोखड़ की ओर रुख कर रहे हैं। खो खो, कबड्डी, गोलाफेंक, लंबी कूद समेत अन्य खेलों की तैयारियों में जुटे नौनिहाल जिम्मेदारों की उपेक्षा का दंश झेल रहे है। क्षेत्र के लोग कई बार खेल मैदान निर्माण की मांग उठा चुके हैं बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। क्षेत्रवासियों ने जिम्मेदारों पर क्षेत्र के नौनिहालों के हितों से खिलवाड़ किए जाने का आरोप लगाया है।