◼️नौजवान पूछ रहे किसने दिया इनको नियुक्तियों का अधिकार
◼️बेरोजगार जिंदगी भर करते रहे मेहनत पर सफेदपोशो की मनमानी से मेहनत हो गई बेकार
◼️ एक हाकम पर कसा शिकंजा पर इन हाकमों की फौज पर कौन कसेगा शिकंजा खड़ा है सवाल ❓
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
गढ़वाल के हाकम से शुरू हुआ नियुक्तियों का खेल सचिवालय तक जा पहुंचा है चहेतो को रेवडियों की तरह नियुक्तियां बांट राज्य के लाखों बेरोजगारों की जिंदगी से ऐसे खिलवाड़ किया गया कि कोई सोच भी नहीं सकता। अब रह रहकर सवाल उठ रहा है कि इन हाकमो की फौज पर शिकंजा कौन कसेंगा और बैक डोर से हुई नियुक्ति पाने वालों को क्या सजा मिलेगी। क्या अवैध नियुक्तियां रद्द होंगी क्या अवैध रुप से नौकरी पाने वालो को मिली तनख्वाह की रिकवरी की जाएगी यह सवाल चौतरफा गूंज रहा है।
उत्तराखंड प्रदेश में सचिवालय से हाकम तक नौकरियों का खेल देख हर कोई दंग है। सफेदपोशो ने राज्य के लाखों बेरोजगार युवाओं की हाड़तोड़ मेहनत पर पलभर में ही पानी फेर दिया। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर बस अपने चहेतों को नौकरी दे दी। सचिवालय में जहां तमाम नेताओं के चहेतों को नौकरी दिलाने का खुलासा हुआ है वही हाकम का खेल भी प्रदेशवासियों को हैरत में डाल रहा है। ऐसा लगता है मानो राज्य गठन के साथ ही हाकम सिंह जैसे माफिया सफेदपोशो के साथ मिलकर राज्य के युवाओं के सपने तोड़ने में जुट गए थे। और वह अपने कारनामों में सफल भी हो गए। हाकम सिंह तथा सफेदपोशो ने राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ नहीं किया बल्कि उन लाखो माता पिता को भी गर्त में डाल दिया जो हाड़ तोड़ मेहनत कर खून पसीने की कमाई से अपने नौनिहालों को पढ़ाई लिखाई कराते हैं। हाकम सिंह व सफेदपोशो के गठजोड़ ने ही परिजनों के साथ ही लाखों बेरोजगारों के सपने चकनाचूर किए है। अब इन सफेदपोशो तथा हाकम सिंह जैसे लोगों को इनके असर ठिकानों पर पहुंचाने की हिम्मत कौन जुटाता है यह भविष्य के गर्भ में है। पर इतना साफ हो गया है कि अब उत्तराखंड प्रदेश अवैध नियुक्ति प्रदेश के रूप में भी पहचान बनाने लगा है।