◼️ गहराई, भंवर व लहरो के उफान का सही अंदाजा न होने पड़ रहा भारी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी नदी में एक के बाद एक कई जिंदगियां खत्म हो चुकी है। बावजूद नदी क्षेत्र में घटनाए टालने को प्रयास तक नही किए जा रहे। नदी क्षेत्र में खतरे वाले स्थानो पर आवाजाही तक प्रतिबंधित नही हो सकी जबकि प्रदेश के मुखिया खुद मताहतो को बरसात के वक्त नदी क्षेत्रो में आवाजाही प्रतिबंधित करने के निर्देश दे चुके है। लगातार मौतो का का ग्राफ बढ़ने के बावजूद खतरे वाले स्थानो पर चेतावनी बोर्ड तक नही लगाए जा सके है जबकि समय समय पर मांग भी उठती रही है।
बीते रविवार को कोसी नदी में दो युवको के नहाने के दौरान नदी के उफान में आकर जान गंवाने से तमाम गंभीर सवाल खडे़ हो गए है। कोसी नदी में तमाम अलग अलग स्थानो पर डूबने की घटनाएं सामने आती है। खतरे से अंजान लोग नदी के बीचोंबीच तक नहाने पहुंच जाते है। नदी का सही अंदाजा न होने से लगातार लोग जान गंवा रहे है। पर बरसात के वक्त जोखिम कई गुना बढ़ चुका है प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी मातहतों को नदी क्षेत्रों में आवाजाही प्रतिबंधित करने के निर्देश भी दे चुके हैं बावजूद तंत्र के गहरी नींद में होने से घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। लापरवाही से लोग जान गंवा रहे है। व्यापारी नेता वीरेंद्र सिंह बिष्ट, कुबेर सिंह जीना, सुनील मेहरा, दुर्गा सिंह बिष्ट, गजेंद्र नेगी, फिरोज अहमद, पंकज नेगी, हरीश चंद्र, हरीश कुमार, पंकज भट्ट आदि ने नदी क्षेत्रों में गहराई व खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही आवाजाही प्रतिबंधित किए जाने की पुरजोर मांग दोहराई है।