◼️ अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक देर शाम कार्य करने का आरोप
◼️ शिकायत पर हरकत में आई विभागीय टीम
◼️ एई का दावा – अब ठेकेदार पर लगाया जाएगा जुर्माना
◼️ क्षेत्रवासियों में भी नाराजगी, उठाई कार्रवाई की मांग

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

प्रदेश सरकार आपदा में ध्वस्त हुए कार्यों के लिए बजट उपलब्ध करा रही है पर मुनाफे के फेर में ठेकेदार गुणवत्ताविहीन कार्य करने पर आमादा है। लगातार मिल रही शिकायतों पर हरकत में आए विभाग ने गुणवत्ताविहीन ब्लाक ध्वस्त कर डाला। सहायक अभियंता ने दावा किया कि अब जुर्माने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अक्टूबर में आई आपदा ने खैरना चौराहे के समीप कोसी नदी पर बनी धनियाकोट पुल से मझेडा़, डोबा, चूवारी समेत तमाम गांवों को जोड़ने तथा सरस्वती शिशु मंदिर को जाने वाले रास्ता ध्वस्त हो गया। विभाग ग्रामीण विकास विभाग ने लगभग बीस लाख रुपये की भारी-भरकम लागत से कोसी नदी से मुख्य रास्ते तक सुरक्षात्मक कार्य कराने शुरू किए पर ठेकेदार ने मुनाफे के फेर में गुणवत्ता से ही समझौता कर डाला। ब्लाक में भारी मात्रा में पत्थर भर दिए गए। आरोप लगा कि अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक देर शाम कार्य किया जा रहा है जिसमें मनमाने ढंग से पत्थर भरे जा रहे हैं। सूचना पर गुरुवार को विभाग के सहायक अभियंता केदार सिंह कोरंगा मौके पर पहुंचे। श्रमिकों की मदद से गुणवत्ता विहीन कार्य को ध्वस्त कर डाला। दावा किया कि ठेकेदार के ऊपर जुर्माना भी लगाया जाएगा। क्षेत्रवासियों ने भी दैवीय आपदा मद से गुणवत्ताविहीन कार्य किए जाने पर नाराजगी जताई। आरोप लगाया कि अन्य निर्माण कार्यों में भी मनमानी की गई है। उच्च स्तरीय जांच की मांग कर कड़ी कार्रवाई किए जाने पर जोर दिया।